(कैलाश विजयवर्गीय भाजपा राष्ट्रीय महासचिव हैं और सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक मामलों पर बेबाक टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं।)
कोरोना के खिलाफ और महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए भारत में दुनिया का सबसे
बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में भारत में बनी
दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लोगों को लगाई जा रही है। स्वदेशी वैक्सीन
लगवाने वालों में कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखाई दिया है। वैक्सीन का दुष्प्रभाव होने पर
चिकित्सा सुविधा और हर्जाना देने का इंतजाम भी किया गया है। स्वदेशी वैक्सीन का
निर्माण स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की बड़ी कामयाबी है।आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा
करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से भारतीय वैज्ञानिकों ने यह कठिन काम
साकार कर दिखाया। हमारे वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना
महामारी के प्रकोप के दौरान बहुत प्रशंसनीय कार्य किए हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई
जीतते हुए हर दिन कोरोना के नए मरीजों के मिलने के मामले में भारत की स्थिति
लगातार सुधार रही है। रोजाना कोरोना के मरीजों के मामले मिलने में भारत दुनिया में
12वां देश हो गया है। कुछ दिनों पहले तक भारत सातवें स्थान पर था। हर दिन मौत के
मामले में भारत 14वें स्थान पर है। सबसे ज्यादा केस अमेरिका में मिल रहे हैं और यहीं
सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। 27
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश नेशनल रिकवरी रेट 96.6% से भी आगे निकल गए हैं। अब
देश में हर 100 मरीज में से करीब 96 मरीज ठीक हो रहे हैं। विकसित देशों के मुकाबले
भारत के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मों ने यह चमत्कार कर दिखाया है।
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स्वदेशी वैक्सीन बनाने के लिए हमारे वैज्ञानिकों की दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है।
दुनियाभर में प्रशंसा के बावजूद देश के कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने भारतीय
वैज्ञानिकों की प्रतिभा पर सवाल उठाकर देश की साख को नुकसान पहुंचाया है।
कोरोना के खिलाफ दुनिया का यह सबसे बड़ा टीकाकरण
दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को टीका
लगाया जा रहा है। बाद में 50 साल से ज्यादा आयु के 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया
जाएगा। अन्य बीमारियों से ग्रस्त 50 से कम उम्र के लोगों को भी टीका लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने टीकाकरण की शुरुआत पर बताया है कि टीके की दो खुराक लगभग
एक महीने के अंतर पर लेनी है। टीकाकरण के साथ कोरोना पर नियंत्रण के लिए पहले
जैसी सावधानी बरतने के लिए भी प्रधानमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया है। टीकाकरण
अभियान पर प्रधानमंत्री लगातार नजर रखे हुए हैं। यह प्रधानमंत्री की लोगों के प्रति
संवेदनशीलता का बड़ा उदाहरण है। मोदी सरकार की जल्दी से जल्दी से कोरोना पर पूरी
तरह नियंत्रण करने की कोशिशों को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस
सहित कुछ दलों के नेताओं ने सवाल उठाकर साबित कर दिया कि उन्हें केवल विरोध की
राजनीति करनी है। मोदी का विरोध करने के लिए ऐसे राजनीतिक दलों ने देश के हितों को
ताक पर रख दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से घबराये विरोधी
दलों के नेता तरह-तरह के भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। पहले नागरिकता संशोधन
कानून को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई। कृषि विधेयकों को लेकर किसानों में भ्रम
फैलाने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन और धरना देने वाले
तथाकथित किसानों को विदेशों से मिल रहे धन और समर्थन से साफ है कि देश विरोधी
ताकतें भारत में अस्थिरता फैलाना चाहती हैं। किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत
विरोधी भावनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए ही विरोध करते रहते हैं
किसानों का मसला हो या कोरोना से लड़ाई का। मोदी सरकार का विरोध करने के लिए
विरोध किया जा सकता है। यह जनता भी जान गई है कि कुछ दलों के नेता मोदी के
विरोध में राजनीतिक नैतिकता भी भूल जाते हैं। मोदी का विरोध करना है, इसलिए देश
की प्रतिष्ठा पर तो चोट नहीं होनी चाहिए। कठिन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री मोदी ने देश
का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हो या आर्थिक विकास की
बात हो मोदी का विश्वभर में समर्थन मिला है। भारत की विदेश नीति की दुनियाभर में
सराहना हुई है। सीमा का मसला हो या आर्थिक नीतिया, भारत ने चीन को हर अवसर पर
चुनौती दी है। वैक्सीन के मामले में भारत की तरफ से चीन की कुटिल रणनीति को बेअसर
करने के लिए पूरा प्रयत्न किया जा रहा है। कोरोनाकाल में दुनियाभर में सस्ती दवाएं
सप्लाई करके भारत ने अपनी साख बढ़ाई है। कोविड-19 से दुनिया को उबारने के लिए
भारत की पूरी तैयारी है। विदेशों से भी लोग टीका लगवाने के लिए भारत आ रहे हैं।
वैक्सीरन के संबंध में हम अपने पड़ोसी देशों के साथ पूरा सहयोग कर रहे है। बांग्लादेश
और म्यांमार को वैक्सीन के मामले में सहयोग देने की घोषणा की गई है। स्वदेशी वैक्सीन
का निर्माण, सस्ती दवाओं की विश्वभर में आपूर्ति और पड़ोसी देशों के साथ सहयोग की
नीति से भारत और हमारे प्रधानमंत्री की दुनियाभर प्रशंसा हो रही है। ऐसे में भारत की
साख को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को सबक सिखाने की बारी है।
[…] हैं, यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को दिये गये संदेश के […]
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