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प्रयोगशाला से नहीं चमगादड़ों से इंसानों तक पहुंचा वायरस
जेनेवाः विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के दल ने चीन का दौरा करने के बाद अपनी
अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का संक्रमण चीन के
किसी प्रयोगशाला से नहीं फैला था। इन विशेषज्ञों की मानें तो किसी कारण से चमगादड़ों
से यह वायरस इंसानों तक पहुंचा और उसके बाद तेजी से फैलता ही चला गया है। वायरस
के दुनिया भर में फैल जाने के बाद उसमें लगातार म्युटेशन यानी जेनेटिक बदलाव भी हो
रहे हैं। इसी वजह से यह महामारी अब तक काबू में नहीं आ पायी है। इन अंतर्राष्ट्रीय
विशेषज्ञों ने आज ही अपनी रिपोर्ट समर्पित कर दी है। इसमें साफ किया गया है कि चीन
के वायरस लैब से विषाणु बाहर नहीं निकले हैं। इस रिपोर्ट के बाद चीन को उस आरोप से
मुक्ति मिल गयी है, जिसमें उसे जैविक हथियार के तौर पर इस वायरस को दुनिया में
फैलाने का आरोप लगा था। लेकिन दुनिया के अन्य वैज्ञानिक इस रिपोर्ट को पूरी तरह
स्वीकार करन के लिए तैयार नहीं है। इसके खिलाफ राय रखने वालों का सवाल है कि
विशेषज्ञों को यह बताना चाहिए था कि अगर चमगादड़ से वायरस इंसानों तक पहुंचा है,
तो वह कैसे और कब पहुंचा है। इस सवाल के उत्तर में फिर से चीन की उस प्रयोगशाला का
नाम जुड़ जाता है, जिसे वहां की चर्चित वैट महिला के नाम से प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक शी
झेंगली नियंत्रित करती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्लिन चिट के बाद भी संदेह कायम
इस रिपोर्ट के आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडाहानोम
घ्रेब्रेयेसूस ने कहा कि इस शोध दल के विशेषज्ञ बाद में एक प्रेस कांफ्रेस कर सारी बातों की
जानकारी देंगे। रिपोर्ट का अध्ययन अभी किया जा रहा है। इस कोरोना महामारी ने दुनिया
अब तक पिछले पंद्रह महीनों में 27 लाख से अधिक लोगों का मार डाला है। अब भी करोड़ों
लोग इसकी चपेट में हैं जबकि इस वायरस के कमसे कम तीन नये स्वरुप में भी दुनिया में
नजर आने लगे हैं। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के एकाएक तबाह हो जाने की वजह से ही
चीन को इस मामले में अनेक किस्म की आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि इस वायरस के फैलने के बाद आलोचनाओं का शिकार चीन ने यह कहा
था कि यह वायरस उनके देश से नहीं बल्कि अत्यधिक ठंडा कर जमाये हुए खाद्य पदार्थों
के जरिए फैला है। दूसरी तरफ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे सीधे आरोप
लगाया था कि यह वायरस चीन की प्रयोगशाला से निकलकर इंसानों तक पहुंचा है।
विशेषज्ञों ने इन दोनों ही तर्कों पर कोई रिपोर्ट नहीं दी है। इस बीच नये अमेरिकी राष्ट्रपति
जो बिडेन ने भी जनता को इस बात के लिए आगाह किया है कि टीकाकरण अभियान तेज
होने के बाद भी असावधानी फिर से खतरा पैदा कर सकती है।
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