नईदिल्लीः गोपनीय सूचना वह भी रक्षा संबंधी के मुद्दे पर मामला गरमाता जा रहा है।
व्हाट्सएप चैट में अति गोपनीय रक्षा संबंधी सूचनाओं के होने के बाद कांग्रेस और वाम
दलों ने केंद्र सरकार के कटघरे में खड़ा कर दिया है। दोनों तरफ से यह पूछा गया है कि
आखिर वह कौन व्यक्ति है, जिसने इतनी बड़ी सूचना किसी निजी आदमी तक पहुंचाकर
देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया था। अर्णव गोस्वामी प्रकरण पर राहुल गांधी कल
ही यह कह चुके हैं कि ऐसी सूचनाएं सिर्फ पांच लोगों तक होती हैं। यहां तक कि जिस
विमान को अभियान पर जाना होता है, उसके पाइलट को भी इसकी पूर्व जानकारी नहीं
होती। ऐसे में बालाकोट हमले के तीन दिन पूर्व अर्णव गोस्वामी को जिसने भी यह सूचना
दी है, उसने निश्चित तौर पर सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन किया है। वह
व्यक्ति कौन है, यह बताना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
गोपनीय सूचना अर्णव को किसने दी यह असली मुद्दा है
सीधे प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए श्री गांधी यह कह चुके हैं कि सरकार इस मामले में
कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इस बीच वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा ने कहा कि
मामला प्रकाश में आने के बाद भी सरकार की तरफ से चुप्पी कई संदेह पैदा करती है।
मुंबई पुलिस ने अपनी चार्जशीट में जिन तथ्यों का उल्लेख करने का दावा किया है, उसकी
केंद्र सरकार की तरफ से न तो खंडन आया है और न ही पुष्टि की गयी है। लेकिन इतना तो
स्पष्ट है कि अगर यह बात सच है तो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ निश्चित तौर पर खिलवाड़
किया गया है। दोनों नेताओं ने कहा कि दूसरी बातों पर तुरंत बयान देने वाले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के साथ साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुप्पी भी संदेह को और बढ़ा रही है।
कुल मिलाकर मुंबई पुलिस की चार्जशीट के बाद इस सवाल पर राजनीतिक मोर्चे पर
विवाद बढ़ता भी जा रही है।
[…] किस्म की अत्यंत गोपनीय सूचना जिनके पास होती है, उनसे इस किस्म […]
[…] सुप्रीम कोर्ट का व्हाट्सएप प्रकरण पर कड़ा रुख आज नजर आया है। […]