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किलर ह्वेल के समूह ने घेरकर ब्लू ह्वेल को मार डाला
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लोग करीब गये तो वहां कोई टुकड़ा नहीं बचा
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एक घंटे की लड़ाई के बाद खत्म हुआ खेल
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शिकार को चालाकी से चारों तरफ से घेरा
राष्ट्रीय खबर
रांचीः पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के समुद्री तट पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। वहां दुनिया भर के
पर्यटक आते रहते हैं। अभी कोरोना संकट और विमान सेवा बाधित होने की वजह से इसमें
काफी कमी आयी है। इसके बाद भी पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पास के समूद्र में ह्वेल को
देखना एक लोकप्रिय यात्रा है। अनेक कंपनियां इसपर नियमित काम करती है और
पर्यटकों को समुद्र में ह्वेल दिखाने के लिए नाव की यात्रा पर ले जाती हैं। उनकी गारंटी
होती है कि वे पर्यटकों को समुद्र में ह्वेल दिखा देंगे। इसके लिए वे अत्याधुनिक यंत्रों का
इस्तेमाल करते हैं, जिससे पता चलता है कि वर्तमान में समुद्र के किस हिस्से में ह्वेल के
समूह हैं। इसी तरह की एक यात्रा में पहली बार एक अनोखे शिकार का दृश्य देखा गया है।
इसे देखकर पर्यटकों के साथ साथ नाव पर मौजूद अन्य विशेषज्ञ भी चौंक गये हैं।
वीडियो में देख लीजिए आखिर लोगों ने वहां क्या देखा
आम तौर पर इस किस्म का शिकार समुद्र में बहुत कम होता हुआ देखा गया है। इस घटना
की विशेषता यह है कि किलर शार्को के एक समूह ने अपने से आकार में बहुत बड़े ब्लू ह्वेल
का घेरकर शिकार कर लिया। वहां मौजूद लोग यह दृश्य देखकर हैरान रह गये। दरअसल
अपने आस पास ह्वेलों को देखने के बाद भी लोग यह नहीं समझ पाये थे कि यह दरअसल
समुद्र की गहराई में एक घेराबंदी अभियान है, जिसका शिकार उन्हें बाद में नजर आने
वाला है। जब वे और आगे बढ़े तो धीरे धीरे बाद समझ में आयी। आस्ट्रेलिया की कंपनी
नेचुरलिस्ट चार्टर्स की समुद्र विज्ञानी क्रिस्टी ब्राउन कहती हैं कि देखने में तो यह एकदम
सामान्य दिनों की यात्रा के जैसा ही था। बाद में घटनाक्रम इतनी तेजी से बदल जाएंगे,
उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के बीमर वे से निकली थी नाव
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के बीमर वे से निकली नाव पर मौजूद पर्यटक मानते हैं कि दरअसल
दो किलर ह्वेलों ने मिलकर पहले ब्लू ह्वेल को अपनी जाल में फंसाया। अपने से छोटे
आकार के शिकार की तरफ बढ़ते ब्लू ह्वेल को यह पता भी नहीं चल पाया कि किलर
ह्वेलों का झूंड चारों तरफ से उसे घेर रहा है। उस पर करीब सत्तर किलर ह्वेलों के झूंड ने
हमला कर दिया था। हमला होने का अंदेशा शायद समुद्र में उड़ने वाले पक्षियों को पहले ही
हो गया था। इसी वजह से वह वहां पहले से ही शिकार मिलने की उम्मीद में मंडराने लगे
थे। शायद समुद्री पक्षी आसमान से समुद्री की गहराई में चारों तरफ क्या कुछ चल रहा है,
उसे अच्छी तरह देख पा रहे थे। इसी वजह से इन पक्षियों ने अंदाजा लगा लिया था कि यह
टकराव किस स्थान के करीब होने वाली है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के बीमर वे से आगे बढ़ने
के बाद जो कुछ लोगों ने देखा वह हैरान करने वाला ही था। करीब एक घंटे के लगातार
संघर्ष के बाद अंततः आकार में बड़ा ब्लू ह्वेल मारा गया। क्रिस्टी ब्राउन कहती हैं कि यह
देखने में अत्यंत भयानक था लेकिन पहली बार ऐसा देखने का अनुभव प्राप्त हुआ। जब
पर्यटकों और वैज्ञानिकों को लेकर नाव आगे बढ़ी तो करीब 28 किलोमीटर जाने के बाद
उन्हें दो किलर ह्वेल नजर आये। नाव उनके करीब गयी तो वे खेलते हुए नजर आये। कुछ
देर के बाद नाव पर सवार लोगों का ध्यान इस ओर गया कि वे अपनी आदत से उलट
अजीब किस्म की आवाज निकाल रहे हैं।
किलर ह्वेल अजीब तरीके से आवाज निकाल रहे थे
इससे समुद्र में अजीब ही हलचल भी पैदा हो रही है। यह उनकी आदतों में शूमार नहीं पाया
गया था। किलर ह्वेलों का समूह चारों तरफ बिखरा हुआ था। सिर्फ दो ही नाव पर सवार
लोगों की सीधी नजर में थे। इस शोर के बीच अचानक से बीच समुद्र से एक बहुत बड़ा
फब्बारा निकला और उसके पीछे पीछे विशाल ब्लू ह्वेल भी समुद्र की सतह पर आया। अब
अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद किलर ह्वेलों द्वार निकाले गये अजीब ध्वनि तरंगों
का भी इस विशालकाय प्राणी पर कोई असर पड़ रहा था। समुद्र की सतह पर जो ब्लू ह्वेल
निकला था, वह आकार में करीब 16 मीटर लंबा था। दूरी होने की वजह से यह तय नहीं हो
पाया कि यह ब्लू ह्वेल शिशु था अथवा पिगमी ह्वेल की प्रजाति का था। क्योंकि रणक्षेत्र के
पास जाना संभव नहीं था और बाद में उसका नामों निशान भी नहीं बचा था। यह जान लें
कि ब्लू ह्वेल आकार में इन किलर ह्वेलों के दोगुणा होता है। साथ ही किलर ह्वेल कहे
जाने के बाद भी वे दरअसल डॉलफिन प्रजाति के हैं। अपने शिकार को घेर लेने के बाद उसे
थका देने के लिए यह समूह चारों तरफ चक्कर काटते हुए शोर करता रहा। इस बीच उनके
शोर से दूसरे किलर ह्वेल भी वहां पहुंचते चले गये।
चारों तरफ से घेर लेने के बाद हमला चालू हुआ
उसके बाद चारों तरफ से अपने तेज दांतों से उसे नोंच लेने का काम चालू हुआ जो करीब
एक घंटे तक चला। समुद्र का वह इलाका खून से लाल हो गया था। उस ब्लू ह्वेल के मारे
जाने के बाद पाइलट ह्वेल की प्रजाति भी शिकार में हिस्सेदारी करने आ पहुंची तो यह इस
समूह ने उन्हें भी खदेड़ दिया। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय समय में अपराह्न तीन
बजे के आस पास सारा खेल खत्म हो चुका था। नाव पर सवार लोग जब और करीब पहुंचे
तो उन्हें मृत शरीर का कोई टुकड़ा भी नहीं मिला। इस दौरान सिर्फ उड़ते पक्षी बीच बीच में
अपनी चोंच से अपना हिस्सा बटोरते नजर आये।
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