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बिजली की कमी भी नाथनगर स्टेशन की सबसे बड़ी परेशानी
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बम डिफ्यूज करने के बाद अधिकारियों का ध्यान गया
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रेलवे की तरफ से बिजली नहीं होने पर स्पष्टीकरण नहीं
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अंधेरे में ही रहता है संवेदनशील इलाका का यह स्टेशन
दीपक नौरंगी
भागलपुरः दो डेटोरनेटर वाले बम का कोई आतंकी अथवा नक्सली कनेक्शन है अथवा
नहीं, इसकी जांच अभी जारी है। लेकिन इस मामले को लेकर दर्ज प्राथमिकी में आतंकी
कनेक्शन का उल्लेख किया गया है। इस बम की तलाश और बाद में उसे डिफ्यूज करने के
बाद पुलिस अधिकारियों ने नाथनगर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की
है ताकि पूरी गुत्थी को सही तरीके से सुलझाया जा सके।
वीडियो में समझ लीजिए पूरी रिपोर्ट
इस क्रम में यह बात प्रमुखता से सामने आयी है कि इस स्टेशन पर किसी किस्म की
बिजली की सुविधा का नहीं होना भी सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। रेलवे की तरफ से
वहां बिजली की व्यवस्था क्यों नहीं की गयी है, यह बात भी अब तक समझ में नहीं आयी
है। बताते चलें कि नाथनगर का इलाका भागलपुर में वैसे ही अत्यंत संवेदनशील इलाकों में
से एक माना जाता है। ऐसी स्थिति में यहां के स्टेशन पर बिजली नहीं होना कई सवाल
खड़े कर देता है। रेल की पटरी पर बम मिलने और उसे सकुशल डिफ्यूज किये जाने के बाद
बिजली नहीं होने की तरफ पुलिस अधिकारियों का भी ध्यान गया है। जब वहां बम मिलने
की सूचना आयी थी तो मध्य रात्रि को पुलिस वालों को अपने अपने टार्च और मोबाइल की
रोशनी जलाकर बम और उसके आस पास के इलाकों की तलाशी का काम करना पड़ा था।
दरअसल रेलवे की तरफ से ऐसी लापरवाही क्यों हैं, यह अब बड़ा सवाल बन गया है। वैसे
अपुष्ट जानकारी के मुताबिक बम बरामद होने के दौरान उसके बगल में एक पर्स भी नजर
आया था। उस पर्स में शायद नक्सली संपर्क के कुछ दस्तावेज थे। इस बारे में पुलिस ने
औपचारिक तौर पर अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
दो डेटोरनेटर वाले बम को रात को बरामद किया गया था
बताते चलें कि नाथनगर स्टेशन पर बुधवार की रात बम मिला था। जिसे देर रात बम
निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज किया। इसके साथ ही सुपर एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश
नाकाम हो गया। स्टेशन से कुछ दूर पहले ही अंधेरे में सिग्नल के पास जमालपुर-हावड़ा
सुपर एक्सप्रेस और उसी ट्रैक पर दानापुर-भागलपुर इंटरसिटी को रोक दिया गया। सूचना
मिलने पर मौके पर एसएसपी निताशा गुड़िया, सिटी एएसपी पूरण झा पुलिस बल व
एसएसबी की टीम के साथ पहुंचे थे। नाथनगर के प्लेटफॉर्म नंबर-2 की पटरी पर रखे बम
में रस्सी और तार बंधा हुआ था। इसी बीच वहां खोजी कुत्ता भी लाया गया। काफी देर तक
जांच-पड़ताल के बाद एसएसबी के जवानों ने बम की जांच करने की बात कही और पहले
पत्थर और फिर बांस से मार कर उस बम की जांच की। बम जब नहीं फटा, तो उसे हाथ में
उठा लिया और नकली करार दिया। ऐसी चूक भी सिर्फ बिजली की कमी की वजह से हुई
थी। बाद में यह पता चला कि यह दरअसल दो डेटोरनेटर लगा हुआ एक बम था जो बड़ा
नुकसान पहुंचा सकता था।
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