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आईटीडीसी के साथ हुआ समझौता
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इसके बाद झारखंड का हिस्सा 63 प्रतिशत
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इस निर्णय से राज्य को बहुआयामी लाभ होंगे
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रांची के होटल अशोका का 51 फीसद खरीदने की पहल
राष्ट्रीय खबर
रांची: झारखंड में पर्यटन आधारित उद्योग की स्थापना की अपनी बात दोहराते हुए सीएम
हेमंत सोरेन ने होटल अशाको का आधा से अधिक हिस्सेदारी खरीदने के एक समझौते पर
हस्ताक्षर किया है। अब इस फैसले से राजधानी स्थित होटल अशोका के प्रबंधन में
झारखंड सरकार निर्णायक स्थिति में आ गयी है। होटल अशोका के 51% शेयर (लगभग
25000 शेयर) को राज्य सरकार के हिस्से में लाने के लिए मंगलवार को राज्य सरकार और
भारतीय पर्यटन विकास निगम के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। मुख्यमंत्री हेमंत
सोरेन की उपस्थिति में यह एमओयू किया गया है। इस एमओयू के तहत होटल अशोका
में आईटीडीसी के 51 % शेयर खरीदने का निर्णय लिया गया है। इस 51% शेयर के बदले
पर्यटन विभाग द्वारा आईटीडीसी को कुल 6 करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा।
इससे राज्य सरकार के पास होटल अशोका की कुल 63 % हिस्सेदारी हो जायेगी। शेष 37
% हिस्सेदारी अब भी बिहार सरकार के पास है। इस दौरान मुख्य सचिव सुखदेव सिंह,
सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पर्यटन सचिव पूजा सिंघल सहित होटल
अशोका के चेयरमैन पीयूष तिवारी उपस्थित थे।
झारखंड में पर्यटन पर राज्य सरकार गंभीर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यूं तो कार्यक्रम बहुत ही छोटा है लेकिन इसके मायने
काफी बड़े हैं। आज एक ऐसा एमओयू हुआ है जो झारखंड की खनिज संपदा, खनन कार्य
और खनिज से जुड़ी नीतियों से अलग है। यह कदम राज्य में पर्यटन के क्षेत्र को काफी
बढ़ावा देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।
झारखंड में पर्यटन आधारित उद्योग की काफी संभावनाएं
दुख की बात है कि राज्य गठन के बाद भी इस दिशा में ऐसा कोई ऐतिहासिक कदम नहीं
उठाया गया, जिस पर हम गर्व कर सकें। पर्यटन क्षेत्र में राज्य सरकार प्रयत्नशील है। इसी
कड़ी में मंगलवार को होटल अशोका के शेयर खरीदने की कवायद पूरी हुई है। अब इस
होटल पर राज्य सरकार का बड़ा हिस्सा रहेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत
दिया कि बिहार सरकार से संवाद चल रहा है, ताकि पर्यटन सुचारू रूप से चल सके।
बता दें कि एमओयू के पहले आईटीडीसी और बिहार पर्यटन के पास संयुक्त रूप से 87.75
प्रतिशत शेयर थे। राज्य सरकार के पास सिर्फ 12.25 प्रतिशत। होटल के मालिकाना हक
को लेकर झारखंड गठन के बाद से ही मांग होती रही है। राज्य सरकार ने केंद्र और बिहार
से होटल को चलाने का पूरा हक मांगा था।
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