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आकार में एक फीट लंबा होता है यह प्राणी
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यूरोप के खास इलाकों के अंधेरी गुफा का निवासी
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वैसे भी आम तौर पर साल भर में एक बार हिलता है यह
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बोस्निया में लगातार नजर रखी जा रही है इस अजीब जीव पर
प्रतिनिधि
नईदिल्लीः पिछले सात वर्षों से कोई जीवित प्राणी बिना हिले रहे, यह
कल्पना से परे की बात है। लेकिन इस सोच को सही साबित कर रहा है
गिरगिट की प्रजाति का यह जानवर। वैज्ञानिक इसे सालामांडर कहते हैं।
आम तौर पर सुनसान गुफाओं में रहने वाले इस प्रजाति को यूरोप के कुछ
खास इलाकों में पाया जाता है। लेकिन इस बार एक ऐसे सालामांडर की
पहचान हुई है तो पिछले 2569 दिनों से एक ही स्थान पर यथावत पड़ा हुआ
है। वैसे इस तरह पड़े होने के दौरान उसके पूरी तरह जीवित होन की पुष्टि
हुई है। लेकिन एक ही स्थान पर एक ही तरीके से उसका पड़ा होना भी
वैज्ञानिकों को हैरान कर गया ह ।
आम तौर पर यह प्राणी करीब एक फीट लंबा होता है। वैज्ञानिकों को पहले
से ही इस बात की जानकारी है कि इस प्राणी की जीवन काफी लंबा होता
है। वह औसतन एक सौ वर्ष तक जीवित रहता है। आम तौर पर गुफाओं
के अंदर वे छिपकली की तरह टंगे रहते हैं। लेकिन एक ही स्थान पर इतने
अधिक दिनों तक टिका होने का रिकार्ड इसके पहले कभी नहीं देखा गया
था। इस बारे मे हंगरी के इटोवोस लोरांड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता
रिसर्च कर रहे हैं। आम तौर पर अंधेरे में रहने वाले ऐसे प्राणी का चमड़ा
हल्का सफेद होता है। अंधेरे में रहने की वजह से उनकी आंखें भी बहुत
कम काम करती है। अब बोस्निया के एक इलाके में देखे गये इस सालामांडर
को पिछले इतने दिनों तक एक ही अवस्था में देखने के बाद शोध दल की
टिप्पणी है कि यह प्राणी तब से एक जैसा पड़ा हुआ है जबकि ओबामा
अमेरिका के राष्ट्रपति हुआ करते थे।
पिछले सात वर्षो में तब हिला था जब ओबामा पद पर थे
बोस्निया के इलाके में इस प्राणी को ओल्म कहा जाता है। इसके पहले भी
ऐसे प्राणी के एक ही स्थान पर पड़े होने की जानकारी वैज्ञानिकों की थी।
आम तौर पर यह माना जाता था यह प्राणी एक ही स्थान पर करीब एक
वर्ष तक पड़ा रहता है। इसके शरीर के अगले हिस्से में तीन अंगुलियां होती
हैं। उनमें हरकत कर वे खुद को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं।
बोस्निया के इलाके में देखे गये इस खास सालामांडर ने इतने दिनों में
अपनी एक भी अंगुली तक नहीं हिलायी है। जिस पर लगातार नजर रखी
जा रही है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि जिन स्थानों पर यह प्राणी रहती है
वहां वैसे ही भोजन की कमी होती है। इसके बाद भी भूख की स्थिति में वे
घोंघे, छोटे कीट पतंग और छोटे आकार के स्रींप जैसों को खा लेते हैं।
एक बार खाने के बाद फिर से उन्हें बहुत दिनों तक कुछ खाने की आवश्यकता
नहीं पड़ती।
इतना कुछ होने के बाद भी सात वर्षों तक लगातार एक ही स्थान पर एक
प्राणी के बने रहने पर वैज्ञानिकों को आश्चर्य हो रहा है। इस दौरान वह बिना
भोजन के कैसे जीवित है, यह भी बड़ा सवाल बना है, जिसका उत्तर वैज्ञानिक
तलाश रहे हैं। वैसे शोध के दौरान यह पाया गया है कि आम तौर पर आलसी
समझे जाने वाले इस जानवर पर दूसरे प्राणी भी हमला नहीं करते हैं। ऐसे
क्यों होता है, इसका उत्तर भी अब तक नहीं मिल पाया है।
इस प्राणी पर हमला क्यों नहीं होता, यह अब तक रहस्य
लेकिन यह विज्ञान सम्मत तथ्य है कि वंशवृद्धि के लिए यह प्राणी हरकत
में आते हैं। आम वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक प्रत्येक 12 वर्ष के अंतराल
में यह प्राणी वंशवृद्धि के लिए सक्रिय होता है। औसतन एक सौ वर्ष के
जीवन में यह क्रम चलता ही रहता है। इन गतिविधियों के असली वैज्ञानिक
कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है।
[…] वहां दबे पड़े सारे अवशेष जमीन के बाहर एक गुफा के रास्ते बाहर […]