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टेराकोटा की दीप बनाकर बाजार पर कब्जा
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चीनी बल्वों से निपटने के लिए दिमाग का इस्तेमाल
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नये आकार और स्टाईल के दीयों की तेजी से मांग बढ़ी
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अब तो दीयों के गिफ्ट पैक भी अन्यत्र भेजे जा रहे हैं
प्रतिनिधि
इस्लामपुर(पश्चिम बंगाल) चीनी लाइट और झालर पूरे देश के कुम्हारों के
लिए बड़ी चुनौती है। इसी चुनौती से निपटने का नया तरीका निकाला है
यहां के कुम्हारों ने। इनलोगों ने अपनी दिमाग का इस्तेमाल कर यहां
टेराकोटा के दीप तैयार किये हैं। अब बाजार में यह नये किस्म की दीप
लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आस-पास के इलाकों में इसी किस्म के नये दीयों की मांग
जबरदस्त है। इस बार का दीयों के कारोबार से यही संकेत मिलता है कि
चीनी झालरों को स्थानीय कुम्हारों ने पछाड़ दिया है।
उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज के आठ नंबर ब्लॉक के मुस्तफानगर
ग्राम पंचायत के कुनोर हाटपाड़ा गांव के टेराकोटा कारीगरों ने यह विधि
तैयार की है। इसके बाद आस-पास के इलाकों के कारीगर भी इस रास्ते
पर चल पड़े हैं। बाजार में भी चीन के प्रति व्याप्त नाराजगी का असर
चीनी बल्बों और झालरों के बदले इनकी खरीद में देखने को मिल रहा है।
इन कारीगरों की वजह से पूरे बाजार में इनकी मांग तेज हो चुकी है।
अब लोगों के माध्यम से दूसरे इलाके के लोगों को इसकी जानकारी मिलने
के बाद वे भी दीयों को खरीद के लिए इधर आ रहे हैं। कलाकारों ने बाजार
की जरूरतों और वर्तमान दौर के फैशन को ध्यान में रखते हुए अलग अलग
किस्म के दीयों का निर्माण किया है। इसमें पंच प्रदीप, झाड़, मैजिक दीये
और नारियल और अलग अलग आकार के दीयों की मांग सबसे अधिक है।
चीनी लाइट के बदले ग्राहक भी कर रहे हैं इनकी मांग
दीयों की मांग अचानक बढ़ जाने की वजह से कारीगरों को पारंपरिक दीयों
के मुकाबले इन्हें बनाने में ज्यादा समय देना पड़ रहा है। मजेदार स्थिति
यह है कि पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों से मांग अधिक होने की वजह से
अब कारीगरों को अलग से मजदूर रखकर आर्डर पूरा करने के लिए चौबीसो
घंटे काम करना पड़ रहा है। इन कारीगरों के यहां अब तो पश्चिम बंगाल
के कुछ अन्य इलाकों से लोगों को भेंट करन के लिए भी अलग से इनके
आर्डर मिल चुके हैं। लिहाजा दीयों के निर्माण में अपनी सोच को नयापन देकर
इन कारीगरों ने चीन के बने बिजली के सस्ते बल्व और झालरों को मात देने
में कामयाबी पायी है। पचास रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक के दीये
सिर्फ सामान्य दीये की तरह व्यवहार में नहीं आ रहे हैं।
इन्हें बेहतर किस्म का दीपावली गिफ्ट समझकर भी उन्हें अच्छे से पैक
कर अन्य राज्यों तक में भेजा जा रहा है।
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