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सदस्यों के नाम पर गतिरोध कायम
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दोनों पक्षों की दलीलों को सुना जा सकता है
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पुलिस ने की है ट्रैक्टर परेड रोकने की मांग
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कृषि मंत्री ने कहा हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार
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कमेटी के सदस्य बोले वे नहीं आयेंगे तो हम चले जाएंगे
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में पूर्व निर्धारित नहीं होन के बाद भी किसानों की याचिका पर कल
फिर सुनवाई हो सकती है। दरअसल शीर्ष अदालत द्वारा गठित चार सदस्यीय कमेटी को
लेकर असहमति होने तथा कमेटी के एक सदस्य के नाम वापस लेने की वजह से अदालत
को नये सिरे से पूरे मामले पर विचार करना पड़ रहा है। किसान संगठनों ने अदालत से
गुजारिश की है कि वह कमेटी को पुनर्गठित करें क्योंकि वर्तमान कमेटी के सदस्य पहले
ही सरकार के पक्ष में बोल चुके हैं। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि
अदालत ने वैसे ही इन कानूनों को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इसलिए सरकार की
तरफ से आंदोलनकारियों को यह फिर से प्रस्ताव दिया गया है कि वे एक एक मुद्दे पर
सरकार के साथ चर्चा करें। सरकार खुले मन से सभी विचार सुनने के लिए पूरी तरह तैयार
है।
याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद पांच दिन पूर्व तीनों कृषि कानूनों को स्थगित
करते हुए इस पूरे मुद्दे पर विचार के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
इन चार सदस्यों में से एक भूपिंदर सिंह मान ने किसानों के साथ होने की बात कहकर खुद
को इस कमेटी से अलग कर लिया है। समझा जा रहा है कि आंदोलनकारियों की तरफ से
दायर याचिका के साथ साथ इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की
दलीलों को भी सुनेगी। चर्चा है कि आगामी 26 जनवरी को किसानों द्वारा प्रस्तावित
ट्रैक्टर परेड को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की याचिका भी इसी सुनवाई में शामिल हो
सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में ट्रैक्टर परेड रोकने की भी अर्जी लगी
इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के शेष तीन सदस्य अब भी सरकार द्वारा लाये
गये कृषि कानूनों के पक्ष में अपनी राय देते हुए यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यह उनकी निजी
राय है। इसलिए अगर किसान उनके पास नहीं आयेंगे तो वे खुद ही चलकर किसानों के
पास जाएंगे और एक एक मुद्दे पर उनसे विस्तार से चर्चा कर लेंगे। उनके इसी बयान पर
भारतीय किसान यूनियन ने अदालत में अर्जी लगायी है कि जो सदस्य पहले से ही सरकार
के पक्ष में बोल रहे हैं, वे किसानों की बात क्यों सुनेंगे।
इधर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अनेक किसान और उनके संगठन सरकार
के फैसले के समर्थन में हैं। इसके बाद भी सरकार इस विषय पर हर संबंधित पक्ष में खुले
मन से चर्चा करने के लिए तैयार है। अब चूंकि कोर्ट के आदेश से कानून लागू नहीं होने जा
रहा है, ऐसे में गहन विचार विमर्श से किसी को परहेज भी नहीं होना चाहिए। इस बीच 26
जनवरी के ट्रेक्टर परेड पर किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि सभी राज्यों से लाखों
की तादाद में ट्रैक्टर आ रहे हैं, जितना कभी सोचा भी नहीं होगा, हमने भी और सरकार ने
भी, इतना ट्रैक्टर आएगा। 26 को हम दिल्ली के अंदर जाएंगे और ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
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