-
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चाहते हैं बात चीत से सुलझे
-
मुख्य न्यायाधीश ने कहा हमें किसानों की चिंता है
-
हम चाहते हैं कि बात चीत से इसका हल निकले
-
सोमवार को सभी याचिकाएं एक साथ सुनेंगे
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः किसान आंदोलन पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सार्वजनिक तौर पर अपनी चिंता
जाहिर कर दी है। इससे संबंधित कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचारार्थ रखी गयी है।
आज इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस ए बोबडे ने अपनी राय
भी स्पष्ट कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हालात समझते हैं और चाहते भी हैं कि यह
समस्या बातचीत से सुलझे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम सभी मामलों पर एक साथ
सोमवार को सुनवाई करेंगे। और अगर उस दिन अटॉर्नी जनरल मामले को टालने की मांग
रखते है तो सुनवाई टाल भी दी जाएगी। कोर्ट भी चाहता है कि बातचीत से हल निकाला
जाए। सीजेआई ने कहा कि हम हालात को समझते है और हम चाहते हैं कि बातचीत से
मामले को सुलझाया जाए। इसके साथ ही तीन कृषि कानूनों को रद्द के खिलाफ एक और
याचिका दाखिल की गई है। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता एमएल शर्मा से पूछा
आपको पता है कोर्ट में किसान प्रदर्शन को लेकर क्या चल रहा है? एमएल शर्मा ने कहा कि
उन्होंने संशोधित याचिका दाखिल कर दी है। इसके बाद कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार
मेहता से पूछा कि किसान प्रदर्शन पर कब सुनवाई होनी है? तुषार मेहता ने कहा अभी
तारीख तय नहीं हुई है। साथ ही कहा कि दूसरे मामलों के साथ इसको मत सुनिए लेकिन
मुख्य न्यायाधीश ने कहा हम इसको दूसरे मामलों के साथ इसलिए सुनना चाहते है कि
क्योंकि प्रदर्शन को लेकर अभी तक कोई हल नहीं निकला है। अब सभी याचिकाओं पर 11
जनवरी को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि किसानों के विरोध के बारे में
स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। एजी के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस बात की अच्छी
संभावना है कि पार्टियां निकट भविष्य में किसी नतीजे पर पहुंच सकती हैं।
किसान आंदोलन पर अदालत ने सरकार से जानकारी भी मांगी
सीजेआई ने कहा कि सोमवार को कोर्ट में किसान आंदोलन के मामले पर सुनवाई होगी।
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल
ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह गतिरोध समाप्त होगा।
बताते चलें कि नये कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को लेकर कुछ वकीलों ने जनहित
याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की। कोर्ट ने
कहा कि हम किसान आंदोलन और कृषि कानूनों की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेंगे,
क्योंकि हमें हालात में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। वहीं, सरकार ने सुनवाई टालने की
अपील की है। सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा,
‘किसानों से अभी बातचीत चल रही है। इसलिए कोर्ट को इस मामले को सुनवाई के लिए
टालना चाहि अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष किसी
मुद्दे पर सहमत हो जाएंगे।’ इस पर सीजेआई एसए बोबडेे ने कहा कि हम हालात से
वाकिफ हैं और चाहते हैं कि बातचीत और बढ़े। हम हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए
हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि सरकार और किसानों के बीच
‘सौहार्दपूर्ण वातावरण’ में बातचीत जारी है।
[…] कोर्ट की चिंता जायज है। किसान आंदोलन के इतना लंबा खींचने के बाद भी […]