नई दिल्ली : बीपी बढ़ने की समस्या कई लोग कई मरीज आज भी नियमित जीवन में झेल रहे है।
जिसे ब्लड प्रैशर या उच्च रक्तचाप के नाम से जाना जाता है।
हालांकि बीपी ऐसी समस्या है जो शोध में पाया गया है कि पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा बढ़ा रहता है।
जिससे पुरुषों को उच्च रक्तचाप की स्थिति से गुज़रना पड़ता है।
तो वहीं महिलाएं लो बीपी की समस्या से ग्रसित रहती है।
बीपी यानि ब्लड प्रेशर का अचानक से बढ़ना या घटना दोनों ही स्थिति में स्वास्थ्य के लिए खतरनाक शाबित हो सकता है।
बता दें कि भारत में करीब तीस प्रतिशत लोगों को यह बीमारी है।
अगर किसी परिवार में किसी सदस्य को हाई बीपी है, या वह व्यक्ति का वज़न मोटा हैं,
या पड़े-पड़े खटिया या बैठे-बैठे कुर्सी तोड़ते रहते हैं या फिर निष्ठापूर्वक दारू-सिगरेट पीता हैं
और कमर फैलती जा रही है जो महिलाओं में 80 और पुरुषों में 90 सेंटीमीटर से ज्यादा हो गई है
तो जान लें कि आप हाई बीपी से ग्रसित है।
सिर्फ टेंशन यानी मानसिक तनाव का हाई बीपी करने में कोई सीधा रोल नहीं है।
बल्कि इसमें कई सारी बातें मायने रखती है जिसके लिए हर हाल में नियमित जांच जरूरी है।
बीपी नियंत्रित करने के घरेलू नुस्खे
चूंकि अचानक बीपी का स्तर बढ़ जाना भी किसी व्यक्ति में संभव बात है।
जिसके लिए घरेलू नुस्खे जानकार कोई भी मरीज़ के उस वक़्त के हालात को काबू में कर सकता है।
ये घरेलू नुस्खा बीपी के अलावा कई अन्य बीमारियों में भी काफी कारगर है।
बता दें कि बीपी अचानक से बढ़ने पर आधा गिलास पानी में काली मिर्च पाउडर डालकर इस्तेमाल करने पर यह नियंत्रण में हो जाएगा।
जिसकी पुष्टि आयुर्वेदिक चिकित्सा में की गयी है।
जिसके अनुसार कालीमिर्च में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं
जो हमें कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाने में मदद करते हैं।
इसके अलावा मोटापा कम करने में भी ये मददगार होती है।
काली मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लैवोनॉयड्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
इसके अलावा इसमें कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, कैरोटीन, थाइमन जैसे पौष्टिक तत्व भी काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं।
हालांकि सीधे एकमात्र काली मिर्च को खाना आसान तो नहीं पर इसे नियमित सब्जियों में डालकर नियमित खाया जा सकता है।
जिससे खाने का स्वाद भी बढ़ेगा और कई बीमारियों से भी राहत मिलेगी।
काली मिर्च के कई फायेदे
इस संदर्भ में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. रामदास ने बताया है कि काली मिर्च है तो छोटी सी चीज़ पर इसके गुण बहुत बड़े है।
सर्दियों में काली मिर्च खांसी, जुकाम और ठंड से बचाने में मदद करती है।
इससे पाचन सिस्टम मजबूत होता है।
भूख न लगने, कब्ज, बदहजमी और सांस की बीमारियों जैसे दमा आदि में भी काली मिर्च के नियमित प्रयोग से काफी आराम मिलता है।
काली मिर्च के नियमित प्रयोग से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
दांतों के दर्द में भी काली मिर्च तुरंत आराम देती है।
सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि मलेरिया में भी काफी फायदेमंद माना गया है काली मिर्च का इस्तेमाल।
शरीर के किसी हिस्से में अगर सूजन आ रही हो, वहां काली मिर्च पीसकर लगा दें तो काफी जल्दी आराम मिल जाता है।
वहीं काली मिर्च बवासीर ठीक करने और पेट की अन्य बीमारियों के लिए भी काफी फायदेमंद होती है।
सर्दियों के दिनों में काली मिर्च के उपयोग के फायदे और बढ़ जाते हैं।
काली मिर्च के कई अन्य फायेदे भी स्वास्थय के प्रारूप पाये गए है जिससे व्यक्ति खुशनुमा ज़िंदगी का मज़ा ले सकता है।
जिसमे अचानक से बढ़ने वाली बीपी के कारण होने वाले अटैक सबसे ज्यादा मायेने रखते है।
प्राथमिक उपचार के रूप में बस आधे ग्लास पानी में काली मिर्च पाउडर
उच्च रक्तचाप से होने वाले बॉडी परलाइज़ या ब्रेन स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा सकती है।
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