- अपार्टमेंट को भी क्वारेंटीन करने की कार्रवाई
- जिला प्रशासन ने कर दी है घटना की पुष्टि
- संक्रमण कहां से फैला, इसकी जांच जारी
रांची : रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के जोड़ा तालाब के पास एक अपार्टमेंट में रहने वाले एक
रिटायर्ड डीडीसी कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं। मेदांता में जांच के क्रम में रिटायर्ड डीडीसी
कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिस अपार्टमेंट में अधिकारी रहते हैं, वहां हड़कंप मचा हुआ
है। इन सभी जगह में रहने वालों को अब दूसरों से अलग थलग करने के लिए क्वारेंटीन
किया जा रहा है। वहीं पहले हिंदपीढ़ी से भी एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई है।
वह वेस्टाइंडीज का रहने वाला है और जमात में रांची आया था। रांची के हिंदपीढ़ी इलाके से
कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उसे क्वाीरंटाइन में भेजा गया था। जिसके बाद उसका
सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। आज उसका जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया। दोनों
मामलों की पुष्टि जिला प्रशासन के द्वारा किया गया है। लेकिन इस सेवानिवृत्त अफसर
को संक्रमण कहां से हुआ था, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। सिर्फ इस बात की जानकारी
मिली है कि एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाये जाने के बाद उसकी रिपोर्ट आयी है।
रांची में रिम्स एकमात्र विकल्प
उनका ईलाज दिल्ली में ही चल रहा है। इस एक अफसर का आंकड़ा भी झारखंड में कोरोना
मरीजों की संख्या को बढ़ाना वाला साबित हुआ है। वैसे भी झारखंड में कोरोना का कहर
जारी है। मरीजों की संख्याा में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हिंदपीढ़ी में शनिवार को फिर
एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिला है। जिसके साथ ही झारखंड में मरीजों की संख्या 34
हो गई है। जिसमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। एक मरीज हिंदपीढ़ी का है और एक
बोकारो के साड़म का है। रिम्सं में 93 सैंपल जांच के लिए लिया गया था, जिसमें 92 सैंपल
निगेटिव आये, वहीं एक सैंपल पॉजिटिव पाया गया। हिंदपीढ़ी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों
की संख्या़ बढ़कर 18 हो गई है। हिंदपीढ़ी से मिला 18वां कोरोना पॉजिटिव मरीज
वेस्टंइंडीज का रहनेवाला है और जमात में रांची आया था। जिसकी पुष्टि आज हुई।
कोरोना से झारखंड में अबतक दो मौत
झारखंड में भी कोरोना अपना पांव पसारते जा रहा है। राज्य में लगातार कोरोना पॉजिटिव
मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। 31 मार्च को रांची के हिंदपीढ़ी से पहला मामला सामने
आया था। जहां 22 साल की मलेशियाई महिला में कोरोना की पुष्टि हुई थी। महिला,
तबलीगी जमात में शामिल होकर हिंदपीढ़ी में रह रही थी। पुलिस को मिली सूचना के बाद
उसे क्वारंटाइन में भेज कर जांच कराई गई थी, जिसमें उसके पॉजिटिव होने की बात
सामने आयी थी। जिसके बाद संक्रमित महिला को रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में इलाज
के लिए भर्ती किया गया था। जहां उसका इलाज चल रहा है। 31 मार्च से लेकर 15 अप्रैल
तक कुल 29 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की झारखंड में पुष्टि हो चुकी है। जिसमें दो लोगों
की मौत भी हो चुकी है। एक रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के मरीज की और दूसरी मौत बोकारो
जिले के गोमिया प्रखंड के साड़म में बुजुर्ग मरीज की मौत हो चुकी है। वहीं 13 अप्रैल की
रात हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में एक 85 वर्षीय कोरोना संदिग्धी
महिला की मौत हो गई। वहीं इससे पहले राजधानी के बड़े अस्पताल रिम्स में भी दो
कोरोना संदिग्धों की मौत हो चुकी है। जो एक चिंतनीय विषय है और सत्य भी।
सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन है वजह
इन दोनों सूचनाओं से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि कोरोना का प्रसार रांची में उम्मीद से
अधिक इलाकों में रहा है। यह अलग बात है कि सोशल डिस्टेंसिंग के लागू होने की वजह से
हो सकता है कि कम लोग इसकी चपेट में आये होंगे। लेकिन संक्रमित लोगों के संपर्क में
आने वालों की जांच से ही इस बात की पुष्टि हो पायेगी कि कितने और लोगों को इस
वायरस ने अपनी चपेट में लिया है। ऐसे अस्पतालों में आने वालों की जांच के बिना इस
संक्रमण के दायरे में आने वालों की संख्या निश्चित नहीं की जा सकती है। लेकिन इन
भौगोलिक इलाकों में लोगों की सतर्कता की वजह से भी संक्रमण के विस्तार का होना
अथवा नहीं होना तय होने जा रहा है। अनेक इलाको में घोषणा के बाद से ही लोग
सावधानी बरतने लगे थे। इसलिए संक्रमित लोगों के करीब आने के बाद भी संक्रमण का
असर उनपर हुआ है अथवा नहीं यह तो नये सिरे से होने वाली जांच से ही तय हो पायेगा।
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