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अर्जेटीना में पाया गया सांप का फॉसिल
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इस प्राचीन सांप के ढांचे सही हालत में थे
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पुष्टि के लिए कंप्यूटर मॉडल भी बनाये गये
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जीवन के क्रमिक विकास का नया रहस्य सामने आया
प्रतिनिधि
नईदिल्लीः सांप पहले पैरों वाले जीव थे। उनके पैर होने की पहली बार पुष्टि
हो पायी है। लेकिन सांपों की यह प्रजाति बहुत पहले ही क्रमिक विकास के
दौर में समाप्त हो चुकी है। जीवन का क्रमिक विकास इस पृथ्वी पर कैसे
हुआ, इस पर लगातार शोध चल रहा है। दरअसल इस पृथ्वी पर जीवन
की उत्पत्ति और कई प्रजातियों के विकास और विनाश पर लगातार
अनुसंधान चल रहा है।
इसी शोध का नतीजा है कि इस बार सांपों के बारे में आया है। प्राचीन पृथ्वी में
सांपों के पैर भी होते थे, इसका पता वैज्ञानिक अनुसंधान में हुआ है। इसी क्रम
में वैज्ञानिकों ने यह भी पाया है कि उस दौर में सांप के जबड़ों की संरचना
कुछ और ही थी और उसके चिक बोन यानी गाल के नीचे हड्डी हुआ करती
थी।
अर्जेटिना और अलबर्टा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस दिशा में यह
नई जानकारी दी है। उनके शोध का निष्कर्ष है कि करीब एक सौ मिलियन
वर्ष पूर्व सांपों के पैर हुआ करते थे। जो क्रमिक विकास के दौरान धीरे
धीरे गायब हो गये। अर्जेटिना में एक प्राचीन सांप का अवशेष (फॉसिल)
पाये जाने के बाद इस शोध में नये तथ्य जोड़े जा सके हैं। जांच में पता
चला कि जिस फॉसिल का वह अध्ययन कर रहे हैं वह करीब एक सौ
मिलियन वर्ष पुरानी है। इसमें गाल के बगल की हड्डी और सांप के
पैरों के हड्डी के ढांचे पाये गये थे।
सांप की सही सलामत फॉसिल मिली तो जानकारी हुई
वैज्ञानिकों ने इसी आधार पर अन्य प्राचीन अवशेषों का भी अध्ययन किया।
इसमें पाया गया कि प्राचीन पृथ्वी पर जो सांप हुआ करते थे, वे विशालकाय
थे। वर्तमान में सिर्फ एनाकोंडा और अजहर ही थोड़े बड़े आकार के होते हैं।
इससे पहले सांपों के क्रमिक विकास के बारे में ज्यादा जानकारी इसलिए भी
नहीं मिल पायी थी क्योंकि सांपों के फॉसिल के उतने नमूने और अक्षुण्ण
अवस्था में पाये जाने वाले ढांचों की कमी थी। पहली बार किसी प्राचीन सांप
का ऐसा सटीक ढांचा मिल पाया है।
अब इस साक्ष्य के मिल जाने के बाद वैज्ञानिक सांपों के क्रमिक विकास में
कब और कैसे बदलाव हुआ, इसकी गुत्थियों को सुलझा सकेंगे। इस शोध
से जुड़े वैज्ञानिक माइकल काल्डवेल ने इस बारे में कहा कि इस एक साक्ष्य
से करीब 160 वर्ष की वैज्ञानिक भ्रांति दूर होने जा रही है। प्रोफेसर काल्डवेल
वहां के बॉयोलॉजिकल, अर्थ और एटमॉस्फियरिक साइंस विभाग से जुड़े
हुए हैं।
अर्जेंटीना के उत्तरी पटागोनिया में मिली है यह फॉसिल
उत्तरी पटागोनिया में पाये गये इस अवशेष के आधार पर अब वैज्ञानिक
उन कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जो पृथ्वी पर सांपों के क्रमिक
विकास की जानकारी और बेहतर बना सके।
इस क्रम में दक्षिणी गोलार्ध में पायी जाने वाली सांपों की प्रजाति के विवरण
और अन्य सूचनाओं को भी एक साथ दर्ज किया जा रहा है। यह सारा
इलाका उस दौर में पृथ्वी के अति प्राचीन गोंडवाना प्लेट का हिस्सा था।
सांप की फॉसिल मिलने के बाद अपनी वैज्ञानिक सोच की पुष्टि के लिए
वैज्ञानिकों ने इसका कंप्यूटर मॉडल से विश्लेषण भी किया है। इससे सांप
की नसों और रक्त धमनियों की संरचना को भी देखा गया है। इसकी
मदद इसलिए भी ली गयी ताकि इस अति प्राचीन फॉसिल के ढांचे को
कोई नुकसान नहीं पहुंचे। बाद में इसकी सी टी स्कैनिंग भी की गयी है।
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