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दिहाड़ी मजदूरों के पास हर रोज काम का भी अभाव है
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स्टेशन के बाहर किसी तरह रात गुजारते हैं मजबूर लोग
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अलाव और कंबल बांटने का काम सरकार की जिम्मेदारी
दीपक नौरंगी
भागलपुरः कड़ाके की ठंड के बीच किसी तरह रात गुजारते लोगों के लिए अब तक बिहार
सरकार की तरफ के राहत का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। लिहाजा इस गिरते तापमान के
बीच खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोगों की जिंदगी पर शामत आयी हुई है। कल
मध्य रात्रि को इस स्थिति को समझने के लिए इस संवाददाता ने खास तौर पर स्टेशन के
बाहर के इलाके का दौरा किया।
देखिये इसकी वीडियो रिपोर्ट
वहां अनेक लोग किसी तरह खुले आसमान के नीचे रात गुजारते मिले। इन सभी की कठिनाई
और परेशानी लगभग एक जैसी है। आम तौर पर राज्य सरकारों की तरफ से कड़ाके की ठंड के
दौरान निराश्रय लोगों के लिए जगह जगह पर अलाव जलाने और गरीबों के बीच कंबल
वितरण की प्रथा काफी समय से चली आ रही है। इस बार भी कई राज्य सरकारों ने यह काम
प्रारंभ कर दिया है। लेकिन बिहार में राज्य सरकार अब तक इस बारे में शायद सोच तक नहीं
पायी है। लिहाजा गरीब और असहाय लोग इसी परेशानी में रात काट रहे हैं। वहां मिले लोगों में
से एक ने साफ कहा कि अभी तो हर रोज काम भी नहीं मिल पा रहा है। किसी तरह पेट भरने
का काम चल रहा है। इसके बीच खुले आसमान के नीचे सोना भी मजबूरी है क्योंकि उनके
पास कोई छत ही नहीं है।
कड़ाके की ठंड में ऐसा रहना उनकी मजबूरी है
कड़ाके की ठंड के बीच जो थोड़े सामर्थ्यवान हैं वह फुटपाथ पर मिलने वाले बीस रुपये के
भोजन से किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। ऐसे लोगों के पास भी अगले रोज के भोजन का प्रबंध
नहीं है। नीतीश कुमार सरकार को इस दिशा में युद्ध गति से काम करते हुए कमसे कम इन
गरीबों के लिए अलाव और कंबल का इंतजाम करना चाहिए क्योंकि किसी भी लोक
कल्याणकारी सरकार के लिए ऐसा करना उसकी जिम्मेदारियों में अहम होता है।
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