प्रयागराजः साधु संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी
ने राम मंदिर के बनने वाले ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर
योगी आदित्यनाथ को शामिल करने की मांग की है। मंहत ने बुधवार को कहा कि
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर उच्चतम न्यायालय का दशकों पुराने मामले का
सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान करना स्वागत योगय है। न्यायालय ने तीन महीने के
अन्दर केन्द्र सरकार को मंदिर निर्माण प्रक्रिया के लिए कमेटी गठित करने का आदेश
दिया है। परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में गोरक्ष पीठ के महंत और
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू अवैद्यनाथ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होने
कहा कि योगी आदित्यनाथ को सूबे के मुख्यमंत्री के अधिकार से नहीं अपितु गोरक्ष पीठ
के पीठाधीश्वर की हैसियत से मंदिर ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिये । राम मंदिर
ट्रस्ट में सनातन धर्म के अलावा किसी दूसरे धर्मावलम्बी को सदस्य बनाए जाने पर
एतराज करते हुए श्री गिरी ने कहा कि सैकडों वर्षों से अधिक लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या
में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का पटाक्षेप हुआ है। ट्रस्ट में किसी मुस्लिम या
दूसरे धर्म के लोगों को शामिल करना भविष्य में किसी प्रकार के विवाद को जन्म दे
सकता है। परिषद ऐसे किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करेगा।
साधु संतों का यह बयान सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद
साधुओं ने अपनी बैठक में मंदिर निर्माण के मुद्दे पर आपसी बात-चीत प्रारंभ कर दिया है।
इस मंदिर के निर्माण से पहले निर्माण की जिम्मेदार के तहत समितियों के गठन और
काम के बंटवारे पर बात हो रही है। इसी बात-चीत के बीच खुद एक पीठ के महंत होने की
वजह से योगी आदित्यनाथ को भी इस समिति में शामिल करने की यह मांग की गयी है।
इस मांग पर योगी अथवा भाजपा की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
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