गुमला: सदान मोर्चा झारखंड के प्रदेश सचिव अजीत कुमार विश्वकर्मा ने प्रेस बयान जारी
कर कहा है कि लोक डॉउन में जहां देशभर में शराब दुकानदार के द्वारा सख्ती से
लोकडाउन का पालन किए जाने के कारण शराब दुकान खुलने पर राजधानी दिल्ली में 3
किलोमीटर लंबी लाइन लग गई थी। वहीं गुमला में लॉकडाउन में लाइसेंस धारियों ने
जमकर शराब बेचकर मालामाल होते रहे। 22 मार्च के जनता कर्फ्यू के बाद मुनाफाखोरी में
शराब की कालाबाजारी की शिकायत के बाद उपायुक्त गुमला ने डीआरडीए डायरेक्टर हैदर
अली को जांच अधिकारी बनाया था। जांच अधिकारी के रिपोर्ट में कई दुकानदारों के द्वारा
बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत पाते हुए सिसई रोड गुमला के एक दुकानदार के द्वारा
15496 शराब की बोतलों की कमी पाए जाने का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा है कि
लोक डाउन के दौरान दुकानदारों द्वारा पैसे के लालच में शराब की बिक्री कर जन स्वास्थ्य
एवं सरकार की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गई। यह अपराध की अक्षम्य श्रेणी में
आता है। इस मामले में उत्पाद अधीक्षक को उपायुक्त गुमला के द्वारा शो कोच किया
गया है। जो कि विभागीय मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है ।
सदान मोर्चा झारखंड के प्रदेश सचिव श्री विश्वकर्मा ने कहा है कि
दुकानदारों पर पेनाल्टी एवं कानूनी कार्रवाई किया जाना एवं इन्हें काली सूची में डाले
जाने और विभागीय अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित नहीं होने पर जन
आंदोलन करने के लिए सदान मोर्चा विवश होगा। उन्होंने कहा है कि इस मामले पर
लोकायुक्त महोदय को स्वयं संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की जरूरत है। मोर्चा के प्रदेश
सचिव अजीत कुमार विश्वकर्मा ने कहा है कि चैनपुर एसडीओ के बालू माफिया से
मिलीभगत पर उपायुक्त के द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर
निलंबित कर दिया गया है तो फिर उत्पाद विभाग गुमला के द्वारा सरकार को लाखों रुपए
राजस्व का क्षति पहुंचाने पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
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[…] कूदकर जंगल की ओर भाग गए । फिर गुमला पहुंचकर उन्होंने टेंपो रिजर्व किया […]