गिरिडीहः तीन बूथों पर लोगों ने सड़क निर्माण, वृद्धा पेंशन समेत
अन्य मांगों को लेकर वोट का बहिष्कार कर दिया। इससे देवरी प्रखंड
के हरला पंचायत के बूथ नंबर 50, 51 व 52 पर एक भी मतदान नहीं
हुआ। इस दौरान अनुमण्डल पदाधिकारी से लेकर प्रखण्ड विकास
पदाधिकारी मतदान केंद्र पर पहुंचे और उनसे मतदान का आग्रह भी
किया लेकिन ग्रामीणों ने एक पदाधिकारियो की नहीं सुनी। तीनों बूथ
पर कुल 1696 मतदाता हैं। ग्रामीण डेगन साव, भुनेश्वर रजवार, गणेश
साव, पंकज रजवार आदि ने बताया कि हरला पंचायत के हरला
जोगनियाटांड, छछनी व गरडीह गांव न तो आवागमन के लिए सड़क
है और ना ही स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल की व्यवस्था है। भोजपुरो से
रानीडीह मुख्य मार्ग पर चलना मुश्किल है। हल्की बारिश में लोगों को
काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। गांव में मिनी जल
मीनार बनाया गया है लेकिन वो भी सफेद हाथी बन कर रह गया है।
गांव में स्कूल है, लेकिन शिक्षक नहीं है। गांव में किसी भी प्रकार की
सुविधा नहीं है।
तीन बूथों की घटना से ओडीएफ का फर्जीवाड़ा
ग्रामीणों ने बताया कि हरला गांव को राज्य सरकार ने ओडीएफ घोषित
भले ही कर दिया लेकिन गांव में मात्र 80 शौचालय ही बना है। ये
शौचालय भी एक वर्ष के अंदर ही टूटने लगे हैं। उन्होंने बताया कि
हरला गांव के 60 परिवार वाले साहू टोला में एक भी शौचालय नहीं है।
बताया कि शौचालय बनवाने के नाम पर रुपए की लूट की गई है।
सहियाओं द्वारा एक शौचालय पर दो हजार रुपए वसूले गए हैं। वहीं
मुखिया के द्वारा एक प्रधानमंत्री आवास बनवाने के नाम पर 20 हजार
रुपया वसूला गया है। इधर, अंचलाधिकारी सह निर्वाचन निबन्धन
पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि हरला पंचायत के तीन मतदान
केंद्र 50, 51, 52 पर 1696 वोटर्स हैं। इनमें से किसी भी मतदाता ने
वोट नहीं डाला।
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