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एडीजी अमित कुमार के तबादले का आकलन गलत निकला
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बांका एसपी को नवगछिया की जिम्मेदारी सौंपी गयी
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कैडर बदलने के अनुरोध में एक पास तो दूसरा फेल
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कुछ लोगों का अनुमान अभी चुनाव टाले जाएंगे
दीपक नौरंगी
भागलपुरः पुलिस अफसरों के तबादले में वह आकलन गलत साबित हुआ, जिसे पहले
अवश्यंभावी माना गया था। दरअसल बिहार के एडीजी अमित कुमार के द्वारा जारी एक
पत्र के सार्वजनिक होने की वजह से पुलिस महकमा यह मान कर चल रहा था कि किसी
और का हो या न हो लेकिन पुलिस अफसरों के तबादले में सरकार अमित कुमार को
अवश्य ही हटा देगी।
वीडियो में समझिये पूरी रिपोर्ट को
ऐसा इसलिए भी माना जा रहा था क्योंकि उसी पत्र को विपक्ष ने भी सरकार पर हमला
बोलने का एक प्रमुख मुद्दा बना दिया था। लेकिन बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने इन
तमाम अटकलों को गलत साबित कर दिया है। इसके बदले बिहार सरकार ने दूसरे पुलिस
अधिकारियों का तबादला किया है। जिला स्तर पर एसपी के बदले जाने के क्रम में
नौगछिया एसपी के पद पर सपनाजी विश्राम को पदस्थापित किया गया है। बांका के एस
पी होने के दौरान उन्होंने खास तौर पर बालू माफिया के खिलाफ मोर्चा खोलकर काफी
ख्याति अर्जित कर ली थी। उनकी दूसरी खासियत आम आदमी से सीधे मिलना जुलना
भी है। रात के अंधेरे में भी उन्हें विधि व्यवस्था के काम में व्यस्त पाया गया है। ऐसे एसपी
को अब नवगछिया की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। वह भागलपुर के एसएसपी आशीष
भारती की पत्नी भी हैं। उनके अलावा भी दो अन्य अधिकारियों के तबादले की
अधिसूचना जारी की गयी है। अंदरखाने से छनकर आने वाली सूचनाओं के मुताबिक
बिहार में पदस्थापित दो महिला आईपीएस अधिकारी पश्चिम बंगाल कैडर मे जाना
चाहती हैं। उनमें से एक को जाने की अनुमति मिल चुकी है जबकि दूसरे के अभी हरी झंडी
नहीं मिली है।
पुलिस अफसरों के तबादला के इस फैसले पर चुनावी चर्चा भी शुरु
दरअसल यह प्रचलित प्रथा है कि विधानसभा चुनाव के पहले सत्तारूढ़ सरकार अपनी
पसंद के हिसाब के अधिकारियों की पदस्थापना करती है। यूं तो चुनाव आयोग ने बिहार के
विधानसभा चुनाव के बारे में अब तक कुछ नहीं कहा है। लेकिन अफसरों के तबादले की
इस कार्रवाई से अब विभागीय स्तर पर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि शायद कोरोना
लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने पर मजबूर हुई राज्य सरकार भी इस परिस्थिति में चुनाव
नहीं चाहती है।
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