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सभी वैक्सिन केंद्रों में वस्तुस्थिति की जानकारी ली
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सभी केंद्रों में खुद गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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वैज्ञानिको से बात कर विषयों को समझा
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अब टीकाकरण के लिए कार्यक्रम भी बनेगा
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज खुद देश के सभी
वैक्सिन केंद्रों का मुआयना किया। उनके इस तूफानी दौरे का मकसद वैक्सिन उत्पादन की
तैयारियों को समझना था। समझा जा रहा है कि इसके बाद पूरे देश में वैक्सिन का वितरण
कैसे होगा, इस पर एक केंद्रीय नीति बनेगी। इसी नीति के आधार पर कोरोना वैक्सिन के
टीकाकरण का काम पूरा किया जाएगा। वैसे इससे पहले ही कोरोना महामारी के बीच
पश्चिम बंगाल की सरकार ने अपनी तरफ से सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों
को इस टीकाकरण का प्रशिक्षण देकर तैयार कर लिया है। कई अन्य राज्य भी टीका
उपलब्ध होने के बाद टीकाकरण तुरंत प्रारंभ हो, उसकी तैयारियों में जुटे हैं। आज के इस
तूफानी दौरे में सबसे अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का
दौरा किया। यहां उन्होंने वैक्सीन के निर्माण की तैयारियों की जानकारी ली। वहीं, इसके
पहले भारत बायोटेक को कोरोना सेंटर पहुंचे थे। पीएम मोदी ने यहां भारत बायोटेक की
वैक्सीन कोवैक्सिन की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों से वैक्सीन
को लेकर बात की। भारत बायोटेक कोरोना सेंटर में भारत बायोटेक और आइसीएमआर
द्वारा तैयार स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन का ट्रायल चल रहा है। भारत में कोरोना
वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 93
लाख के पार पहुंच गई है। ऐसे में सबकी नजरें वायरस से बचाव के लिए बनने वाली
वैक्सीन पर हैं। प्रधानमंत्री के दौरे के बीच इस तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि देश
में वैक्सीन कब तक उपलब्ध हो पाएगी और किसको पहले दी जाएगी। बता दें, वैक्सीन
अगले साल की शुरुआत में देश में उपलब्ध होने की उम्मीद है।
कोरोना महामारी के बीच टीकाकरण की तैयारी जारी
हालांकि इससे पहले ही प्रायरिटी ग्रुप तय किए गए हैं। इन ग्रुप्स को पांच चरणों में बांटा
गया है। पहले चरण में डॉक्टरों समेत 31 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेंगे। वैसे कुछ
दिनों पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अभी ऐसा कुछ तय नहीं है कि वैक्सीन कब
तक आएगी और इसका कितना दाम होगा। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि वो पांच चरण,
जिनमें हैं किस को वैक्सीन लगाई जाएगी। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सबसे
पहले देश के एक करोड़ फ्रंट लाइन स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी। केंद्र सरकार
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर 31 करोड़ ऐसे लोगों की पहचान कर रही है,
जिन्हें शुरूआती चरण में वैक्सीन दी जाएगी। पहले चरण में एक करोड़ डॉक्टर्स,
एमबीबीएस स्टूडेंट्स, नर्स और आशा वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी।
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