दीपक नौरंगी
भागलपुरः अंधेरे में लोगों की सेवा करना अपेक्षाकृत कठिन काम होता है। शायद इसी
वजह से फिल्म संबंध के लिए महेंद्र कपूर द्वारा गाया गीत आज भी लोगों के दिलों पर
राज करता है। आपको इच्छा हो तो इस गीत का वीडियो यहां देख लें।
खैर फिल्म की बात तो छोड़ दें लेकिन अंधेरे में इस राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में
बेसहारा लोगों की खोज खबर लेना अपने आप में कोई आसान काम नहीं है। याद रहे
कि हमलोगों ने पहले ही भागलपुर के स्टेशन के पास अपने पुत्र के साथ बैठी उस बेबस
महिला का हाल दिखाया था, जो मानसिक तौर पर बीमार भी थी। उसके पास भी अपने
और अपने बच्चे के भोजन के लिए कुछ भी नहीं था।
वीडियो में देखिये अंधेरे में लोकसेवा कैसा होता है
अंधेरे में भूखे पेट सोने को मजबूर लोगों की तलाश कर उन्हें भोजन देने में भी कुछ
सज्जन सक्रिय हैं। यह कहना प्रासंगिक होगा कि दिन के उजाले में लोगों के बीच
भोजन के पैकेट बांट देना आसान काम है। इसके ठीक उलट रात के अंधेरे में जो जहां
बैठा है, वहां उसकी तलाश कर उसे भोजन देना और साथ में पीने का पानी भी उपलब्ध
कराना कोई आसान चुनौती नहीं है। इस जिम्मेदारी को पूरा कर रहे हैं मंजीत जी। अन्य
लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ साथ मंजीत आज अपने साथ उस मानसिक
तौर पर बीमार महिला और उसके बच्चे के लिए भी पूरा इंतजाम लेकर आये थे। साथ में
बच्चे के लिए दूध का बोतल भी वह ले आये थे। काफी तलाश के बाद भी उक्त महिला
का अंततः कोई पता नहीं चल पाया। इसलिए महिला को तलाश करने की जिम्मेदारी
वहां मौजूद दूसरे लोगों को सौंप दी गयी है।
मानसिक तौर पर बीमार महिला को भी खोजा गया
सर कल देर रात में अबला तेरी यही कहानी जो खबर राष्ट्रीय खबर के द्वारा दिखाई
गई थी उसके बाद मंजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति उस अबला औरत के बच्चे के लिए
दूध और कपड़ा और खाना लेकर आए थे काफी स्टेशन पर उस महिला और उसके बच्चे
को खोजा गया वहां तैनात पुलिस जवान से भी पूछा गया लेकिन महिला भी नहीं मिली
बच्चे भी नहीं मिले काफी और कुछ गरीब लोग जो सुबह से भूखे थे वह बैठे हुए थे
मंजीत सिंह ने उनको खाना खिलाया और फिर राष्ट्रीय खबर से बात-चीत भी की।
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