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दीपक नौरंगी
पटनाः पटना में पुलिस की निष्क्रियता पर एक वर्ग की तरफ से लगातार आरोप लगाये जा
रहे थे। दरअसल रुपेश सिंह हत्याकांड के बाद यह आरोप और तेज हो गये थे। इस दौरान
पटना में इन्हीं आरोपों और पुलिस की सतर्कता की त्वरित जांच की गयी। मध्य रात्रि में
पटना के दो अलग अलग इलाकों में पुलिस की मौजूदगी और सतर्कता की जांच की गयी।
वीडियो में देखिये क्या कुछ पाया और देखा गया
यह पाया गया कि आरोपों से घिरे होने के बाद भी पटना पुलिस खास तौर पर रात के मौके
पर बहुत अधिक सतर्क है। उल्लेखनीय है कि कल ही बिहार के डीजीपी एस के सिंघल से
हुई लंबी बात चीत के दौरान उन्होंने कहा था कि पूरे राज्य में पुलिस की गश्ती को पहले के
मुकाबले और बेहतर किया गया था। उसमें पटना जैसे बड़े शहरों के लिए किये गये खास
इंतजामों का भी उन्होंने उल्लेख किया था। इसी दरम्यान पटना में पुलिस वाकई सतर्क है
अथवा नहीं, उसकी जांच भी कर ली गयी। यह पाया गया कि बिहार के डीजीपी ने जो दावा
किया था, वह वाकई सही है। मध्य रात्रि के बाद भी अगर सुनसाने अथवा भीड़ भाड़ वाले
इलाकों में पुलिस मौजूद रहे और सतर्क दिखे तो यह माना जा सकता है कि मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने इस बारे में जो निर्देश जारी किये थे, उनका बेहतर तरीके से पालन हो रहा
है। इस संवाददाता ने पटना में कई इलाकों में मध्य रात्रि को यूं ही पुलिस की व्यवस्था को
अपने नजरिए से परखने का मन बनाया तो यह स्थिति सामने आयी।
पटना में दो अलग अलग स्थानों की जांच की
पुलिस की गश्ती मध्य रात्रि में होती भी है अथवा नहीं, इसी दावे की परख की गयी। यह
पाया गया कि कई इलाकों में वाकई पुलिस न सिर्फ मौजूद है बल्कि अपनी डियूटी के प्रति
पूरी तरह सतर्क भी है। इस गश्ती में मौजूद अफसरों और जवानों से भी मुद्दे पर चर्चा का
निष्कर्ष निकला कि वे अपनी जिम्मेदारियो के प्रति पूरी तरह वाकिफ हैं और रात के अंधेरे
में हर आने जाने वाले पर पैनी नजर रखते हैं। इसके दो तरफ फायदे भी होते हैं। पहला तो
पुलिस की गश्ती को देखते हुए बिहार की राजधानी में अपराधी तत्व खुलकर रात के अंधेरे
में नहीं निकल सकते। दूसरी तरफ आम जनता को अपने आने जाने के दौरान पुलिस के
हर स्थान पर मौजूद होने का भी पता चलता रहता है।
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