लंदनः ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अपने कोविड 19 वैक्सिन के तीसरे चरण का
क्लीनिकल ट्रायल प्रारंभ कर दिया है। प्रारंभिक चरणों में शोध की जानकारी देने के बाद
अब इस विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक दैनिक जानकारी देने से बच रहे हैं। इसलिए सिर्फ
इतना बताया गया है कि कोविड वैक्सिन के तीसरे चरण का ट्रायल प्रारंभ हो चुका है। यह
ट्रायल भारत सहित कई अन्य देशों में एक साथ प्रारंभ किया गया है। उम्मीद है कि इसका
परीक्षण अगले चरण में जापान और रुस में भी शीघ्र ही प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस
ट्रायल में तीस हजार लोगों पर दवा का परीक्षण किया जाना है। पिछले चरण के ट्रायल के
दौरान सोलह सौ लोगों पर वैक्सिन का परीक्षण किया गया था। इसकी रिपोर्ट अब तक
सही दिशा में और सामान्य बतायी गयी है। लेकिन यह इसलिए भी सारी दुनिया की नजरों
के केंद्र में हैं क्योंकि अधिसंख्य वैज्ञानिक इस ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सिन के
प्रति ही सबसे अधिक आशावान हैं। इसके पहले चीन और रुस में भी अपने अपने वैक्सिन
के क्लीनिकल ट्रायल में सफल होने का दावा किया है। इस मामले में तो रुस के राष्ट्रपति
व्लादिमीर पुतिन की बेटी को भी यह वैक्सिन दिये जाने की जानकारी सार्वजनिक हुई है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सिन की चेन तैयार
इस बात का इंतजाम पहले ही किया जा चुका है कि अगर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की
वैक्सिन क्लीनिकल ट्रायल में सफल होती है तो पूरी दुनिया में एक साथ उसका उत्पादन
प्रारंभ कर दिया जाएगा। भारत को भी इसके लिए सबसे बड़े वैक्सिन उत्पादक के तौर पर
तैयार किया गया है। वैसे इस काम की क्षमता भारत के पास पहले से थी लेकिन इस संकट
की वजह से पूरी दुनिया को दवा उत्पादन में भारतीय क्षमता की जानकारी हो पायी है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने पहले से ही स्पष्ट कर दिया है कि उसका यह प्रयास किसी
मुनाफे की लालच में नहीं है। इसलिए वैक्सिन के सफल होने पर इसे न्यूनतम कीमत पर
हर जरूरतमंद को उपलब्ध कराया जाएगा।
[subscribe2]
[…] प्रथम वैक्सिन के तीसरे चऱण के ट्रायल में चालीस हजार स्वयंसेवक हिस्सा ले […]