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17 फरवरी के बम बरामदगी के बाद सतर्कता के संकेत
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पुलिस को संदेह किसी को फंसाने की साजिश
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इतने दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है
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एटीएस के अफसर भी मामला देख रहे हैं
दीपक नौरंगी
भागलपुरः अब रॉ यानी देश की शीर्ष विदेशी गुप्तचरी एजेंसी भी नाथनगर के बम कांड को
देख रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि अब रॉ यानी रिसर्च एंड एनालाइसिस विंग तक
इसकी सूचनाएं भेजी गयी हैं। साथ ही एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वायड के लोग भी
वहां के दो डेटोरनेटर वाले बम के कांड के सुरागों की पड़ताल अपने तरीके से कर रहे हैं।
वीडियो में समझ लीजिए इस पूरी रिपोर्ट को
स्थानीय पुलिस का मानना है कि यह शायद स्थानीय स्तर पर अपराधियों के आपसी
रंजिश का परिणाम है। पुलिस का यह संदेह नाथनगर के रेलवे ट्रेक पर मिले बम के पास
के चार पन्नों के पत्र को लेकर है। इन चार पन्ने में जिस तरीके की बातों का उल्लेख किया
गया है, उसके आधार पर पुलिस का आकलन है कि शायद किसी अपराधी ने किसी दूसरे
को फंसाने की साजिश के तहत ऐसा पत्र लिखा है। इस बम के मामले में एक के बाद एक
घटनाक्रम बदले हैं। पहले इस बम को नकली समझकर पुलिस वालों ने हाथ में उठा लिया
था। बाद में बम डिस्पोजल स्क्वायड ने इसे असली बम माना था। बाद में उसे पास में ही
डिफ्यूज भी कर दिया गया। बम में दो डेटोरनेटरों की जांच होने के बाद ही उसे असली बम
माना गया था। लेकिन बम के पास से मिले पर्स और चार पन्नों के पत्र ने जांच की दिशा
को दूसरी तरफ मोड़ दिया था। पर्स में वैसा कुछ तो नहीं मिला लेकिन चार पन्नों के पत्र में
बहुत कुछ ऐसा लिखा था, जिसे आसानी से नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता था। इस
पत्र में जमुई पुलिस लाइन के साथ साथ भागलपुर स्टेशन को भी बम से उड़ाने का उल्लेख
किया गया था। दरअसल कई बड़े नक्सली नेताओं के नाम का उल्लेख भी इस पत्र में था।
अब रॉ का ध्यान क्यों है, इस पर सभी मौन हैं
अब रॉ का ध्यान इस तरफ होने का अर्थ इस पूरे मामले के विदेशी संबंध से सीधे तौर पर
जुड़ रहा है क्योंकि यह एजेंसी देश के अंदर के विषयों पर ध्यान नहीं देती है। भागलपुर
और नाथनगर दोनों ही बिहार के सबसे अधिक संवेदनशील इलाकों में जाने जाते हैं।
इसलिए यहां की ऐसी किसी घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। स्थानीय
स्तर पर भी 17 फरवरी को बम बरामद होने के बाद सुरक्षा के अतिरिक्त प्रबंध किये गये
हैं। रेलवे ट्रैक के साथ साथ स्टेशनों पर भी अतिरिक्त गश्ती हो रही है। इस मामले में दर्ज
प्राथमिकी में नक्सली और आतंकी संपर्क का उल्लेख होने के बाद अब रॉ के सक्रिय होने
की जानकारी उच्च स्तर पर मिली है। दूसरी तरफ पुलिस के अधिकारी इस मुद्दे पर
खुलकर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। अभी की वास्तविकता यही है कि नाथनगर बम
कांड में अब तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं।
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