-
स्थानीय निकाय चुनाव में फिर भाजपा का दबदबा कायम
-
इस चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह बिखरी बिखरी नजर आयी
-
सूरत जैसे शहर में आप की सफलता स्पष्ट संकेत है
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः गुजरात में अब भाजपा को आम आदमी पार्टी से बड़ी चुनौती मिलने जा रही है।
लगातार विरोध और पूरी सरकार की ताकत लगा देने के बाद स्थानीय निकाय चुनाव में
भाजपा ने अपनी जीत का परचम तो फहरा लिया है लेकिन अब उसे नई पार्टी आप से
भविष्य मे चुनौती मिलने जा रही है। इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि निरंतर प्रयास
के बाद आम आदमी पार्टी ने वहां अपना जनाधार बनाने में सफलता हासिल कर ली है।
दूसरी तरफ अहमद पटेल के निधन के बाद गुजरात में कांग्रेस का कोई जनाधार वाला नेता
नहीं बचा है, यह भी चुनाव में स्पष्ट होता जा रहा है। वैसे परिणामों की बात करें तो 8235
पदों पर हार जीत का फैसला हुआ है जबकि कुल 8474 सीटों में से शेष पर प्रत्याशी
निर्विरोध विजयी हुए हैं।
गुजरात में अब भाजपा को इस जीत के बाद भी आम आदमी पार्टी के बढ़ते जनाधार से
राजनीतिक चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसी स्थिति तब है जबकि इस चुनाव को भी
प्रतिष्ठा का प्रश्न मानकर पूरी सरकार भाजपा प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने में
जुटी हुई है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने 16 सीटें जीतकर अपना खाता तो खोल लिया है
और साथ में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार के हर विरोध के बाद भी
गुजरात में अब उसका जनाधार स्थापित हो रहा है। यह निश्चित तौर पर भाजपा के लिए
बड़ी चिंता का विषय है। गुजरात का यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण था, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के ट्विट से भी स्पष्ट हो जाता है। गुजरात में पार्टी का कमजोर होने का राजनीतिक
अर्थ सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह का कमजोर होना है। वर्तमान भाजपा
नेतृत्व इस खतरे को उठाने की स्थिति में फिलहाल नहीं है।
गुजरात में अब भाजपा बढ़त में लेकिन संकेत कुछ और भी हैं
गुजरात के 81 स्थानीय निकायों में से 75 पर भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस की सीटें घटकर
अब मात्र चार रह गयी हैं जबकि आम आदमी पार्टी दो पर आगे हैं। 31 जिला पंचायतों के
चुनावों में सभी पर भाजपा आगे है जबकि तालुका के स्तर पर कांग्रेस को 33 में बढ़त
मिली हुई है। वैसे सूरज जैसे औद्योगिक शहर में आम आदमी पार्टी ने 27 सीटें जीतकर
यह साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में वह गुजरात में अब भाजपा को चुनौती देने जा
रही है। पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी वर्ष 2022 में
यहां होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियो में भी जुटी हुई है। वर्तमान चुनाव परिणाम
यही संकेत देता है कि गुजरात में अब भाजपा इस नई पार्टी को हल्के में नहीं ले सकती है।
Be First to Comment
You must log in to post a comment.