नयी दिल्लीः तबलीगी जमात मामले में मीडिया पर कोई पाबंदी नहीं लगायी जाएगी।
उच्चतम न्यायालय ने तबलीगी जमात मामले में मीडिया के खिलाफ साम्प्रदायिकता
फैलाने के आरोप पर कोई भी टिप्पणी करने या मीडिया को प्रतिबंधित करने से सोमवार
को इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन
सदस्यीय खंडपीठ ने मुस्लिम उलेमा संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका की
सुनवाई करते हुए इस मामले में मीडिया पर कोई पाबंदी लगाने से इन्कार कर दिया।
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “हम प्रेस पर पाबंदी नहीं लगा सकते।” याचिकाकर्ता के वकील
एजाजÞ मकबूल ने अपना पक्ष रखते हुए मीडिया पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप
लगाया। उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन मरकज मामले में मीडिया सांप्रदायिकता फैला रहा
है और इसे रोका जाना चाहिए, लेकिन न्यायमूर्ति बोबडे ने उनकी दलीलों को ठुकराते हुए
उन्हें प्रेस परिषद जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “आप प्रेस काउंसिल को पक्ष बनाइए,
फिर हम दो हफ्ते बाद इस पर सुनवाई करेंगे।” जमीयत-उलेमा-हिंद ने मरकज में तब्लीगी
जमात मामले की मीडिया कवरेज को दुर्भावना पूर्ण करार देते हुए शीर्ष अदालत में एक
याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि मीडिया गैरजिम्मेदारी से काम कर रहा
है। मीडिया ऐसा दिखा रहा है जैसे मुसलमान कोरोना वायरस फैलाने की मुहिम चला रहे
हैं। शीर्ष अदालत इस पर रोक लगाए। मीडिया और सोशल मीडिया में झूठी खबर फैलाने
वालों पर कार्रवाई का आदेश दे।
तबलीगी जमात का एक व्यक्ति पकड़ाया क्वारंटीन किया गया
जम्मू पुलिस ने सोमवार को शहर के बाहरी इलाके में यात्रा के विषय में कोई जानकारी
नहीं देने पर नगरोटा इलाके में तब्लीगी जमात में शामिल हुए एक व्यक्ति के खिलाफ
मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने यहां बताया कि आरोपी तब्लीगी
जमाती को उसके रिश्तेदार के साथ क्वारंटीन किया गया है। पुलिस ने कहा, ‘‘वर्तमान में
यात्रा के विषय को छिपाने वाले लोगों तक पहुंचने के लिए पुलिस बड़े पैमाने पर अभियान
चला रही है और इस अभियान के दौरान नगरोटा पुलिस ने अब तक ऐसे 178 लोगों की
पहचान की है।’’ उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की मोहम्मद असलम के रूप में पहचान
की गई है जो मोहम्मद इरशाद का पुत्र है और मूल रूप से रियासी जिले का रहने वाला है।
उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 269, 270 और आपदा प्रबंधन अधिनियम की
धारा 51 के तहत मामला दर्ज करने के बाद उसे क्वारंटीन में भेजा गया है। पुलिस ने
बताया आरोपी इस वर्ष जनवरी और फरवरी में उत्तर प्रदेश में रहा था और जहां से वह
फरवरी के अंत में सीधे दिल्ली पहुंचा और निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में
शामिल हुआ। उन्होंने बताया कि मरकज में जमात में शामिल होने के बाद वह जम्मू
पहुंचा और उसके बाद अपने 10 साथियों के साथ रियासी पहुंचा। रियासी पुलिस उसके 10
साथियों के पास पहुंची और उन्हें क्वारंटीन किया तो मोहम्मद असलम वहां से नगरोटा
जाने के लिए भाग गया। वह नगरोटा में अपने रिश्तेदार के यहां रुका हुआ था और जैसे ही
इसकी सूचना मिली पुलिस ने असलम को घर पर ही क्वारंटीन कराया गया। उसके
रिश्तेदारों को घर पर क्वारंटीन किया गया है।
[subscribe2]
[…] कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमित या क्वारंटीन रोगी कमर सीधी कर बैठे, […]
[…] के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात से जुड़े या उनके संपर्क […]
[…] :एनोस एक्का मामले में अंततः अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। मनी […]
[…] दिल्ली: पैदल जा रहे मजदूरों के प्रति अदालत ने कोई आदेश देने से इंकार कर […]