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स्वाभिमानी नेता हैं और किसी दबाव में नहीं आयेंगे
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अल्पसंख्यक विभाग किसी अल्पसंख्यक को मिले
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शराबबंदी में तो अफसरों ने लालच दिखलायी है
दीपक नौरंगी
भागलपुरः नीतीश कुमार मांगकर बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बने हैं। इस बात को सभी को
समझ लेना चाहिए। यह भी समझ लेना चाहिए कि बिहार में वह मुख्यमंत्री हैं तभी बिहार
की गाड़ी आगे बढ़ रही है। जिस दिन नीतीश कुमार इस कुर्सी पर नहीं होंगे तो बिहार में
फिर से जंगलराज की शुरुआत हो जाएगी। रसातल से बिहार को विकास के पथ पर लाने
का असली श्रेय तो नीतीश कुमार को ही जाता है। यह बातें जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के
उपाध्यक्ष मोहम्मद इबरार ने कही।
वीडियो में देखिये उन्होंने क्या कुछ कहा
जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद इबरार की अलग पहचान
कोरोना काल में रही है। इस संकटपूर्ण स्थिति में वह आम जनता के बीच लगातार न सिर्फ
सक्रिय रहे हैं बल्कि लोगों का कष्ट दूर करने का हरसंभव प्रयास करते भी नजर आये हैं।
बिहार की राजनीतिक गतिविधियों और विभिन्न खेमों में हो रही चर्चा केबारे में उन्होंने
साफ शब्दों में कहा कि नीतीश कुमार के बारे में अब कुछ भी बोलना सूरज को दीया
दिखाने जैसा है। वह क्या कुछ कर सकते हैं, यह बिहार की जनता देख चुकी है। उन्होंने
बिना किसी का नाम लिये यह अवश्य कहा कि नीतीश कुमार को बिहार से हटाने की
जिनलोगों की साजिश थी, वह साजिश विफल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बात को
समझ लेना होगा कि अगर नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद से हटे तो बिहार में फिर
से जंगलराज लौट आयेगा, अपहरण उद्योग पनपेगा। नीतीश कुमार के बारे में उन्होंने
कहा कि वह स्वाभिमानी नेता है और जिस दिन ऐसा लगेगा कि उनके स्वाभिमान को चोट
पहुंच रही है तो वह खुद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी से छोड़ देंगे। वह ऐसे नेता नहीं हैं जो कुर्सी
से चिपके रहने की राजनीति करते हैं। जब तक उनके सम्मान मिलेगा वह पद पर रहेंगे।
यह उनके आचरण में शुरु से ही शामिल रहा है। श्री इबरार ने कहा कि जीतन राम मांझी
को मुख्यमंत्री बनाये जाने के घटनाक्रम में बिहार क्या पूरे देश उनके आचरण को पहले से
ही देख चुका है। वह निस्वार्थ भाव से सबके लिए काम करते हैं और नीतीश कुमार पर
दबाव डालकर कोई काम करना किसी के बूते की बात नहीं है।
नीतीश कुमार किसी के दबाव में काम नहीं करते हैं
वैसे श्री इबरार ने स्वीकार किया कि इस बार के कार्यकाल में थोड़ी बहुत प्रशासनिक चूक
हुई है, जिनकी वजह से विरोधियों को इतना बोलने का मौका मिल गया है। लेकिन उन्होंने
साफ साफ कहा कि अगले पांच वर्षों इन खामियों को भी दूर कर लिया जाएगा। ताकि
किसी को इन मुद्दों पर बोलने का कोई मौका ही नहीं मिल सके।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने स्वीकार किया कि पूर्व के घटनाक्रमों की वजह से देश
के मुसलमानों का बहुमत भाजपा से भयभीत रहता है। लेकिन बिहार के लोग अच्छी तरह
इस बात को जानते हैं कि नीतीश कुमार के पास सभी वर्गों का सम्मान एक जैसा ही है।
इस मामले में उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया है।
शराबबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो लोगों का अपना अपना नजरिया है और
चोरी छिपे इसका कारोबार हो रहा है। लेकिन नीतीश कुमार के पक्ष में महिलाओं का
मजबूती से खड़ा होने का एक कारण यह शराबबंदी भी है। जिन परिवारों को इसका लाभ
मिला है, उनसे इस शराबबंदी के फायदों के बारे में समझा जा सकता है। श्री इबरार ने कहा
कि मुख्यमंत्री तक इसकी पूरी रिपोर्ट है कि किन अधिकारियों ने चंद पैसों की लालच में
शराब के कारोबार को समर्थन दिया है। उनके खिलाफ निश्चित तौर पर आगे कार्रवाई
होगी।
भागलपुर में जो लोजपा की वजह से सीट का नुकसान हुआ
भागलपुर के चुनाव में अजीत शर्मा के तीसरी बार चुने जाने के संबंध में उन्होंने साफ तौर
पर कहा कि लोजपा के प्रत्याशी को मिले वोट तो आखिर राजग के ही वोट थे। इन वोटों का
नुकसान तो भाजपा के प्रत्याशी को हुआ। इसी वजह से कांग्रेस के अजीत शर्मा चुनाव
जीतने में कामयाब रहे। वोटों का परिणाम तो इसे साफ तौर पर बता रहा है। इसी क्रम में
उन्होंने स्वीकार किया कि उनका पैर टूटने के बाद प्लास्टर होने की वजह से वह चुनाव
प्रचार में सीधी भूमिका नहीं निभा सके। इसका खास नुकसान नाथनगर के इलाके में
हुआ। वरना चुनाव परिणाम कुछ और होता।
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