नयी दिल्लीः निर्भया की माँ ने कहा कि हैदराबाद पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपियों के साथ जैसा सलूक किया वह
प्रशंसनीय है। निर्भया की माँ ने कहा कि वह हैदराबाद पुलिस की दरियादिली की दाद देती हैं और उनका बहुत
धन्यवाद करती हैं। मुठभेड़ में मारे गए आरोपी इसी लायक थे क्योंकि उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया था।
उन्होंने कहा कि अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ था कि पुलिस हिरासत से भी भागने की कोशिश कर रहे थे।
निर्भया की मां ने कहा कि सात साल के बाद उनके जख्मों पर मरहम लगा है। सात साल से उनके जख्मों पर नमक
छिड़का जा रहा था। निर्भया के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाये ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा एक आम नागरिक के रूप में मुझे खुशी हो रही
है कि यह अंत था जो हम सभी उनके लिए चाहते थे। लेकिन यह अंत कानूनी प्रणाली के माध्यम से होना चाहिए था।
यह उचित प्रक्रियाओं के माध्यम से होना चाहिए था।
दुष्कर्मियों को मृत्युदंड मिलना ही चाहिए
उन्होंने कहा, ‘‘हमने हमेशा उनके लिए मृत्युदंड की मांग की है, और यहां पुलिस सबसे अच्छी जज है,
मुझे नहीं पता कि यह किन परिस्थितियों में यह हुआ है।’’
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने हैदराबाद की घटना पर कहा कि हैदराबाद पुलिस से उत्तर प्रदेश
पुलिस और दिल्ली पुलिस को सीख लेने की जरूरत है तभी बढ़ती दुष्कर्म की घटनाएं रुकेंगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे आरोपियों को सरकारी मेहमान बनाकर रखती है, जो बड़े शर्म की बात है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि हैदराबाद की घटना के आरोपियों के साथ
जो हुआ है, अच्छा हुआ है लेकिन वह अपना आमरण अनशन अब भी जारी रखेंगी।
उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया लड़कियों की कमर तोड़ देती हैं। इसके लिए सख्त से सख्त कानून होना चाहिए
और आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी मिलनी चाहिए ताकि अपराधियों के मन डर पैदा हो।
निर्भया की मां के अलावा भी कई लोगों ने दिये हैं बयान
गौरतलब है श्रीमती मालीवाल हैदराबाद की घटना के बाद देश भर में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए
सख्त कानून बनाने और दुष्कर्म के आरोपियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें छह महीने में फांसी की सजा देने की
मांग को लेकर पिछले तीन दिन से धरने पर बैठी है। आज उनके अनशन का चौथा दिन है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए पर
गैर न्यायिक तरीके से नहीं। इस तरह हत्या कर न्याय देना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि निर्भयाकांड के बाद 2012
में जो सख्त कानून बने उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा मुठभेड़ में आरोपियों को मार गिरना
न्याय नहीं है।
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