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वहां जीवन का पता चला जहां कोई उम्मीद नहीं थी
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स्पंज के जैसे यह प्राणी पहले नहीं देखे गये
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इतनी गहराई में जीवन होने का पता चला
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कैमरे में कैद हुए चट्टानों पर लटका जीवन
राष्ट्रीय खबर
रांचीः नये किस्म के प्राणी का पता चलते ही दुनिया भर के वैज्ञानिक भी चौकन्ने हो गये
हैं। दरअसल पृथ्वी में अब भी कोई और अनजाना जीवन है, यही सूचना हैरान करने वाली
है। ऊपर से नये किस्म के प्राणी यानी जीवन का पता वहां चला, जहां जीवन हो सकता है,
इसकी उम्मीद वर्तमान विज्ञान को कतई नहीं थी। दरअसल करीब आधा मील घने बर्फ के
नीचे भी जीवन हो सकता है, ऐसी सोच वर्तमान विज्ञान की नहीं थी। लेकिन अब इस नये
किस्म के जीवन का पता चल जाने के बाद वैज्ञानिक मान रहे हैं कि शायद अब भी पृथ्वी
में बहुत कुछ वैसा हो जिन जीवनों के बारे में हमें अब तक कोई जानकारी ही नहीं मिल
पायी है। विज्ञान की आंखों से ओझल रहने वाले ऐसे प्राणियों का पता चलने के बाद ही
उसके बारे में नये शोध कर और आंकड़े जुटाये जाते हैं। अंटार्कटिका के फिशनर रोन्ने
बर्फखंड की गहराई में इस नये किस्म के जीवन को देखा गया है। आम तौर पर बर्फ के
इतने अंदर और इतनी गहराई में ऐसे जीवन के बारे में पूर्व में कभी कल्पना भी नहीं की
गयी थी। शोधकर्ताओं ने वहां ड्रीलिंग की थी। इतनी गहराई तक ड्रीलिंग के बाद उसमें
अपने दूसरे अनुसंधान के लिए कैमरा डाला गया था। इस कैमरे के नीचे जाने पर यह
हैरतअंगेज वाक्या कैमरे में कैद किया गया। फिलहाल इस प्राणी को किसी भी तरीके से
वर्गीकृत नहीं किया जा सका है, जो उतनी गहराई में पत्थरों पर चिपके हुए थे। बर्फ से
इतने नीचे और किसी ठोस पत्थर पर ऐसा जीवन हो भी सकता है, इस बारे में पहले से
कोई कल्पना तक नहीं की गयी थी।
नये किस्म के जीवन की जानकारी भी अचानक ही मिली है
इस नये जीवन का पता लगाने वाले वैज्ञानिक यह स्वीकार करते हैं कि उन्हें इस नये
जीवन की जानकारी अचानक ही मिल गयी थी क्योंकि वे अंटार्कटिका के इलाके में किसी
दूसरे अनुसंधान के तहत काम कर रहे थे। नये किस्म के प्राणी नजर आने के बाद अब
अन्य वैज्ञानिक भी इसके बारे में नये सिरे से अध्ययन कर रहे हैं। इसके बाद ऐसा माना
जा रहा है कि पृथ्वी के अंदर नये किस्म के प्राणी और भी हो सकते हैं, जिन्हें शायद अब
तक नहीं देखा जा सका है। इस पूरे घटनाक्रम के बारे में वैज्ञानिकों ने एक वैज्ञानिक
पत्रिका में अपनी पूरी रिपोर्ट प्रकाशित भी कर दी है। इस फिलशर रोन्ने आइस शेल्फ के
नीचे से नये किस्म के जीवन को समझने की कोशिश भी की जा रही है। दरअसल उन्हें
पत्थरों पर लटका हुआ पाया गया है। स्पंज जैसे यह जीवन किसी जलद किस्म के प्राणी
भी हो सकते हैं। लेकिन वे दरअसल क्या हैं, इस बारे में अभी कोई ठोस निष्कर्ष नहीं
निकाला गया है। ब्रिटेन के शोध दल ने चार हजार फीट की गहराई में ऐसे लंबे लंबे आकार
के नये किस्म के जीवन को देखा है। लेकिन वैज्ञानिक यह स्वीकार कर रहे हैं कि शायद
पूरी पृथ्वी तो क्या अंटार्कटिका की गहराई में मौजूद जीवन के बारे में भी आधुनिक विज्ञान
को पूरी जानकारी नहीं है। इस शोध दल के नेता हू ग्रिफिथ ने कहा कि समुद्र की गहराई में
अनजाना जीवन हो सकता है, ऐसी संभावना तो पहले से ही व्यक्त की गयी है। इसके
तहत नये नये प्राणियों को तलाशा भी जा रहा है। लेकिन जमीन के नीचे भी ऐसी स्थिति
हो सकती है, इस बारे में किसी ने इस घटना से पूर्व कल्पना भी नही की थी।
पहले माना जाता था कि इस माहौल में जीवन नहीं हो सकता है
आम तौर पर यह माना गया था कि इतनी गहराई और अंधेरे में कोई जीवन इसलिए भी
नहीं पनप सकता क्योंकि वहां जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाने लायक पौष्टिकता भी नहीं
होती है। लेकिन वैज्ञानिकों की यह सोच गलत साबित हुई है। वहां के घनघोर अंधेरे इलाके
में नये किस्म के जीवन के 22 नमूने कैमरे में रिकार्ड किये गये हैं। अब यह वैज्ञानिक प्रश्न
खड़ा हो गया है कि वहां ऐसे प्राणी आखिर किस तरह जीवित रहते हैं और उनका भोजन
क्या है। या फिर किस समय से वे इतनी गहराई में मौजूद हैं, इन सभी सवालों का
वैज्ञानिक उत्तर फिलहाल मौजूद नहीं है। ग्रिफिथ कहते हैं कि इस अप्रत्याशित शोध
निष्कर्ष ने जितने उत्तर दिये हैं, उससे कहीं अधिक नये सवाल खड़े कर दिये हैं। शोध के
तहत मात्र दो सौ वर्ग मीटर के इलाके को देखा गया था लेकिन यह पूरा इलाका कभी 15
लाख वर्ग किलोमीटर का है। लिहाजा वहां और क्या क्या छिपा हुआ है, इस बारे में भी अभी
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