-
मृत चट्टानों पर लगाया था लाउडस्पीकर
-
ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटिश शोध दल का प्रयोग
-
मछलियों का झूंड आवाज सुनकर आकृष्ट हुआ
-
समुद्री मछलियां आयी तो अन्य जीव भी आने लगे
-
समुद्र की मछलियों को सुना रहे हैं मधुर संगीत
प्रतिनिधि
नईदिल्लीः समंदर में मुंगे की चट्टानों को बचाने के लिए अब एक अनोखी
तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। इसके तहत समुद्र के अंदर मछलियों
को मधुर संगीत सुनाया जा रहा है।
इस संगीत को सुनकर ही समुद्री मछलियां फिर से मुंगे की चट्टानों की तरफ
आ रही हैं। मछलियों के वहां आने से वहां का जीवन फिर से पनपने लगा है।
समंदर में कम गहराई वाले इलाकों में इस तरीके से मुंगे की चट्टानों को
पुनर्जीवित किया जा रहा है। प्रारंभिक प्रयोग में इसमें सफलता भी मिली है।
ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के शोध कर्ताओं ने इस प्रयोग का आजमाया है।
शोध का निष्कर्ष है कि प्रारंभिक दौर में इसमें सफलता मिली है। मृत हो चुकी इन चट्टानों के पास फिर से समुद्री मछलियों के आने से वहां फिर से जीवन पनपने लगा है।
समुद्र के अंदर इन चट्टानो पर बड़ा रंग बिरंगी जीवन पनपता है।
अंदर का माहौल बिगड़ने और तापमान बढ़ने की वजह से मछलियां इन चट्टानो से दूर अधिक गहराई में चली गयी थी।
मछलियों के जरिए ही इन चट्टानों पर जीवन की गाड़ी आगे बढ़ती है।
मृत मुंगे की चट्टानों पर नये सिरे से जीवन कैसे बसाया जाए, इसी सवाल को लेकर वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग किया है।
इसके लिए मर चुकी मुंगे की चट्टानों के अंदर ऐसे अंडरवाटर लाउडस्पीकर लगाये
गये, जो बाहर से संकेत मिलने पर कुछ ऐसी आवाज पैदा करें तो इन चट्टानों के जीवित होने का संकेत दे।
इन्हीं आवाजों को सुनकर मछलियां फिर से इनके आस पास आने लगी है।
मछलियों के अलावा भी अन्य समुद्री जीवन वहां चक्कर काटने लगे हैं।
इससे नये सिरे से इन मुंगे की चट्टानों पर जीवन के नये निशान उभर रहे हैं।
समंदर में मुंगे की चट्टानों पर मछली ही बढ़ाते हैं जीवन
मछलियों के वहां लगातार रहने की वजह से इन चट्टानों पर नये सिरे से जीवन उभरने लगा है। इससे शोध से जुड़े वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं।
इस अनुसंधान सह प्रयोग से जुड़े वैज्ञानिक दल से जुड़े एक्सेटर विश्वविद्यालय के प्रो. टिम गार्डेन ने कहा कि इससे समुद्र के अंदर इस अत्यंत संवेदनशील परिस्थिति को सुधारने में उल्लेखनीय मदद मिल सकती है।
इन इलाकों में अगर मछलियों की तादाद बढ़ती है तो इसके साथ ही अन्य पारिस्थितिकी भी अपने आप ही सुधरती चली जाएगी।
वर्तमान में समुद्री जीवन को कुछ नुकसान हो चुका है, उसे सुधरने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाना चाहिए।
अभी तो हम सिर्फ पहले से हो चुके नुकसान की भरपाई ही कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलियन इंस्टिटयूट ऑफ मेरिन साइंस के विशेषज्ञ जैव विज्ञानी मार्क मीकान
का कहना है कि मछलियों को इन इलाकों तक दोबारा वापस लाना एक कठिन
प्रक्रिया है।
सिर्फ इतना भर कर देने से मछलियों को वहां वापस तो लाया जा सकता है लेकिन
मछलियों के साथ साथ अन्य समुद्री जीवन वहां बने रहें, उसके लिए निरंतर प्रयास
करने की आवश्यकता है।
एक बार अगर दोबारा से अगर मुंगे की चट्टानों पर जीवन बढ़ने का क्रम जारी हो गया तो बाकी का काम आसान हो जाएगा।
अपने प्रयोग के तहत शोध दल ने ग्रेट बैरियर रीफ के पास तीस ऐसे मृत मुंगे की चट्टानों पर यह प्रयाग किया था।
इसके तहत सिर्फ 11 मृत चट्टानों के पास लाउडस्पीकर लगाये गये थे। वहां से सिर्फ वह आवाज निकलती है जो मछलियों तक यह संकेत देती है कि यहां की चट्टाने ठीक हैं और वहां जीवन है।
इसी आवाज को सुनकर समंदर की मछलियां धीरे धीरे इन चट्टानों की तरफ
आने लगी।
लाउडस्पीकर से आवाज सुनकर मंडराने लगी मछलियां
अनुसंधान का असर जांचने के लिए ऐसा उपाय किया गया था कि सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक ऐसी आवाज वहां से आती रही।
ऐसा इसले किया गया था ताकि इस दौरान तैरती हुई समंदर की मछलियों तक यह आवाज पहुंचे।
शेष मृत चट्टानों पर डमी लाउडस्पीकर होने के बाद भी वहां से कोई आवाज नहीं निकाले गये।
दरअसल वैज्ञानिक जानते थे कि जीवित मुंगे की चट्टानों में जीवन होने के शोर अधिक होते हैं।
इसी शोर को सुनकर ही मछलियां उनके तरफ चली आती है।
मछलियों के इनके पास आने से नये सिरे से जीवन की गतिविधियां इनके पास तेज होने लगी हैं।
इससे वहां नये सिरे से समुद्री पौधे भी उगने लगे हैं।
वहां अन्य समुद्री जीव भी मछलियों की आवाजाही देखकर आने लगे हैं।
इससे वैज्ञानिक यह मानते हैं कि सिर्फ ध्वनि संकेत के जरिए भी नष्ट होती मुंगे की चट्टानो को नये सिरे से जीवन प्रदान किया जा सकता है।
[…] हैरान हो रहे हैं। उन्हें पहली बार समुद्र के अंदर जीवों के लंबी दूरी तय करने का […]
[…] लिया गया है। वैज्ञानिकों का यह प्रयोग सफल रहा है। […]
[…] है। शोधकर्ता इसी अंतर को गहराई से जांचने और […]
[…] टिकट के लिए नईदिल्ली में एक अनोखी योजना लागू […]
[…] का कारोबार अचानक से उफान पर आना है। समंदर और नदी […]
[…] बाद भी जिस तरीके से नदियों से और समंदर के मुहाने से इस प्रजाति की […]
[…] समंदर में मुंगे की चट्टानों को बचाने क… […]
[…] समंदर में मुंगे की चट्टानों को बचाने क… […]
[…] समंदर में मुंगे की चट्टानों को बचाने क… […]