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सरकार गठन के बाद मुख्यमंत्री के लिए बड़ा काम है यह
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जिला स्तर के अफसरों से होगी उनकी सीधी बातचीत
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दोषी अफसरों को दंडित करने पर भी फैसला होगा
दीपक नौरंगी
भागलपुरः नये डीजीपी और शराबबंदी इन दोनों ही विषयों पर राज्य भर के अफसरों की
निगाह लगी हुई है। वर्तमान में नये डीजीपी के लिए अफसरों ने केंद्र में तीन डीजी रैंक के
अफसरों के नाम भेजे हैं। इनमें वर्तमान प्रभारी डीजीपी एसके सिंघल का भी नाम शामिल
है। वैसे नये डीजीपी और शराबबंदी इन दोनों पर ही नीतीश कुमार का फैसला पूरे पुलिस
महकमे के काम करने की तौर तरीकों पर असर डालने जा रहा है।
वीडियो मे देखिये इससे संबंधित रिपोर्ट
चुनाव के दौरान भी कई बार शराबबंदी के बाद भी धड़ल्ले से शराब बिकने के आरोप में यह
भी कहा गया था कि पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से ही पड़ोसी राज्यों और देश से
शराब की आपूर्ति हो रही है। दरअसल शराबबंदी के बीच शराब के इस कारोबार में पुलिस
के लोग भी बहती गंगा मे हाथ धोने का काम कर रहे हैं। पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
इस पर कार्रवाई करने की बात कई बार कह चुके हैं। पिछले एक वर्ष में पूरी अफसरशाही
पर उनकी पकड़ काफी कमजोर नजर आयी थी। लिहाजा मुख्यमंत्री को इस बार गद्दी पर
बैठने के बाद ही नये डीजीपी और शराबबंदी पर अपने फैसले से खुद के सुशासन बाबू के
नाम पर फिर से साबित करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
नये डीजीपी और शराबबंदी से पुलिस महकमा का तेवर बदलेगा
याद रहे कि अचानक गुप्तेश्वर पांडेय के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद एसके सिंघल
को राज्य का प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। चुनाव निपट जाने के बाद अब स्थायी
डीजीपी के लिए जिन तीन नामों की चर्चा है, उस पर राष्ट्रीय खबर पहले ही रिपोर्ट
प्रकाशित कर चुका है। दूसरी तरफ शराबबंदी के मुद्दे पर आम जनता की राय भी बार बार
सामने आयी है। ऐसे में इन दोनों ही विषयों पर मुख्यमंत्री के फैसले से ही सरकार की गाड़ी
की दिशा और दशा तय होने जा रही है।
[…] होने की वजह से किस गाड़ी मे छिपाकर शराब ले जायी जा रही […]