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बिहार पुलिस की शान है जमादार राघव झा की मूंछें

  • मूंछ से प्रभावित होकर कई आईपीएस दे चुके हैं रिवार्ड

  • दरोगा ने मूंछ के रख-रखाव पर डीजीपी से मांगा भत्ता

  • एक घंटा समय लगता है हर रोज उन्हें संवारने में

दीपक नौरंगी

पटनाः फिल्म शराबी आपको याद होगी, जिसमें अमिताभ डायलॉग देते हैं- मूछें हों तो नत्थूलाल जैसी, वरना न हो। पटना के पुलिस मुख्यालय में तैनात दरोगा राघव झा की भी मूछें भी कुछ ऐसी ही है।

उनकी मूछों का शानी पूरे राज्य में नहीं है। 50 साल के झाजी की मूछें 30 इंच लंबी हैं, जो बिहार पुलिस की शान है। उनकी इतनी लंबी मूछों को देखते ही कई आईपीएस अधिकारी राघव झा को पुरस्कृत कर चुके हैं। राघव झा की मूछें इन दिनों बिहार के पुलिस महकमे में चर्चा का विषय है।

राघव झा पटना जिला बल में लंबी मूंछ वाले इकलौते दरोगा हैं। राघव झा को पहले मूंछ के रख-रखाव पर विभाग से भत्ता मिलता था, लेकिन अब उन्हें भत्ता नहीं मिल रहा है।

बिहार पुलिस का गौरव और सम्मान बढ़ाती मूछें सरदार पटेल भवन में चर्चा का मुख्य केंद्र बनी रहती है सहरसा जिले के रहने वाले राघव झा ने बताया कि किशनगंज में तैनाती के दौरान तत्कालीन पुलिस कप्तान अभिताभ दास उन्हें हर माह मूंछ भत्ता देते थे।

इसके अलावा तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर समेत समेत आधा दर्जन से अधिक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी उनकी मूंछों से प्रभावित होकर भत्ता दे चुके हैं।

राघव झा ने बताया कि उसकी मूंछ की लंबाई करीब 30 इंच है। इसके रखरखाव में कठिनाई हो रही है। इस कारण मूंछ के रखरखाव के लिए भत्ते मिलना चाहिए। मूंछों के रखरखाव में हर दिन साबुन, तेल और उसे संवारने में राघव झा को एक घंटे से अधिक का समय लगता है।

राघव झा ने बताया कि पुलिस सेवा में आने के बाद ही उन्होंने लंबी मूंछें रखनी शुरू की। पुलिस में पहले रौबदार मूंछ और उसे संवारने का शौक रखने वाले पुलिसकर्मी काफी संख्या में होते थे। इसके एवज में विशेष भत्ता और रिवार्ड मिलता था। अब न तो रौबदार मूंछों वाले थानेदार बचे हैं और न ही उन्हें संवारने का शौक रखने वाले।

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