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बंगाल चुनाव पर ध्यान तो मुकुल राय दावेदार
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निशिकांत दूबे ने अपने पैर में खुद कुल्हाड़ी मारी
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ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मिल सकती है जगह
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः मकर संक्रांति के बाद नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। यह
विस्तार काफी पहले ही होना था लेकिन किसी न किसी कारण की वजह से यह लगातार
टलता आया है। पहली बार गलवान घाटी की घटना की वजह से इसे टालना पड़ा था। उस
वक्त झारखंड के गोड्डा का सांसद निशिकांत दूबे का नाम लगभग तय था। बाद में कई
घटनाक्रमों में खुद को कई किस्म के विवादों में उलझा लेने की वजह से यह माना जा रहा
है कि श्री दूबे ने खुद ही अपने पैर में कुल्हाड़ी मार ली है। उसके स्थान पर धनबाद के सांसद
पीएन सिंह की लॉटरी लग सकती है। मिल रहे संकेतों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार पर
सरकार और संघ से जुड़े लोगों ने एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है
कि मोदी कैबिनेट में बिहार कोटे से भी कुछ नेताओं को शामिल किया जा सकता है। बता
दें कि देश में मोदी कैबिनेट 2।0 में साल 2021 का यह पहला विस्तार है। इस विस्तार में
असम और बंगाल चुनाव को देखते हुए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। वहीं कुछ
मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर भी किया जा सकता है, जिसमें बिहार-झारखंड के कोटे से बनें
मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बेहतर नहीं है, उन्हें कैबिनेट से
बाहर किया जा सकता है।
मकर संक्रांति तक खरमास में अच्छा काम नहीं किया जाता
रिपोर्ट के अनुसार देश में मोदी कैबिनेट का विस्तार खरमास के बाद यानी मकर संक्रांति
समाप्त होने के बाद हो सकता है। इनमें कई नेताओं को शामिल किया जाएगा। वहीं मोदी
मंत्रिमंडल में कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुकुल राय को भी शामिल किया
जा सकता है। इतना ही नहीं, मोदी मंत्रिमंडल में बिहार कोटे से भी नेताओं को शामिल
किया जाएगा।
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