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शियालदह जा रहे युवक ने कहा सुबोध सिंह ने धमकी दी थी
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ट्रेन खुलने के वक्त चली गोली में एक अन्य यात्री घायल
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बिहार में बढ़ रहे अपराध की वजह से फिर समीक्षा जरूरी
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खुद कुणाल शर्मा भी साइबर क्राइम में बेउर जेल में था
दीपक नौरंगी
भागलपुरः मोकामा स्टेशन से ट्रेन खुलते ही फायरिंग होने लगी। ट्रेन पर सवार एक युवक
का आरोप है कि यह सारी गोलियां उसे ही निशाना बनाकर चलायी गयी थी। वहां छह
राउंड गोली चली, उससे ट्रेन पर सवार एक अन्य यात्री को मामूली चोट आयी।
वीडियो में जान लीजिए इस घटना के बारे में
वैसे बिहार में निरंतर बढ़ते अपराध की शिकायतों के बीच यह अपने किस्म की गंभीर
घटना है। ट्रेन पर सवार युवक ने बताया कि वह खुद भी एक मामले में भाग लेने के लिए
शियालदह कोर्ट जा रहा था। कुणाल शर्मा नामक यह युवक साइबर क्राइम के मामले में
बेउर जेल में था। उसके मुताबिक जेल में ही सुबोध सिंह नामक एक अपराधी ने उसे
धमकी दी थी कि जेल से बाहर जाते ही उसे जान से मार दिया जाएगा। इसकी वजह के बारे
में पूछे जाने पर कुणाल ने कहा कि अपराधियों ने उससे रंगदारी मांगी थी। दरअसल उसके
पिता संजीव शर्मा के पूर्व विधायक होने की वजह से यह रंगदारी मांगी गयी थी। उसके
पिता दौसा (राजस्थान) के पूर्व विधायक हैं।जेल के अंदर सुरक्षा कड़ी होने के बाद वह
पुलिस की सुरक्षा में ही शियालदह जा रहा था। देहरादून हावड़ा एक्सप्रेस में इस तरीके से
गोली चलने को गंभीर माना गया है। घटना की सूचना पाते ही स्थानीय रेल पुलिस के
अधिकारी भी भागे भागे वहां पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली।
मोकामा स्टेशन की घटना पर वरीय अधिकारी भी पहुंचे
मोकामा स्टेशन की इस घटना के बाद फिर से बिहार में पुलिस ढांचे में बदलाव की बात
जोर पकड़ने लगी है। राष्ट्रीय खबर ने पहले ही एक सेवानिवृत्त डीजी के सुझाव को
प्रकाशित और प्रसारित किया था। उक्त रिटायर्ड अधिकारी ने कहा था कि जिस तरीके से
यूपी में अभी व्यवस्था की गयी है, उसी तरह बिहार में भी जोन बांटकर वहां एडीजी रैंक के
अधिकारियों की पदस्थापना होनी चाहिए। इससे कई प्रशासनिक फायदे होंगे और अपराध
नियंत्रण का काम भी बेहतर तरीके से होगा। वर्तमान में बिहार में एडीजी रैंक के पर्याप्त
अधिकारी मौजूद हैं। उनकी कार्यक्षमता का बेहतर उपयोग भी इस तरीके से किया जा
सकता है। बताते चलें कि हाल के दिनों में अपराध की कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया
गया है। भागलपुर के पास के नाथनगर के रेलवे ट्रैक में बरामद बम के मामले में भी पुलिस
और अन्य जांच एजेंसियों के हाथ अब तक खाली है। भागलपुर में ही बीते दिनों सोना लूट
की एक घटना का कोई सुराग अब तक नहीं मिल पाया है। होली का त्योहार करीब होने की
वजह से पूरे राज्य में विधि व्यवस्था को और चुस्त करने की चर्चा आम जनो में हैं। बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी मोकामा स्टेशन की इस घटना के बाद पूरी स्थिति
की नये सिरे से समीक्षा करने की जरूरत है।
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