-
प्रेस वार्ता में विधायक कोचे मुंडा भी रहे मौजूद
-
सिद्धु कान्हू के वंशजों की हत्या हाल बयां करती है
-
हर स्तर पर फैसले लिये जो स्थानीय लोगों के खिलाफ
-
कल्याण विभाग की उदासीनता ने स्थिति बिगाड़ा
राष्ट्रीय खबर
रांचीः अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण, महिला और बाल विकास विभाग पर
जोरदार हमला करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक कोचे मुंडा और
मनीष जयसवाल ने कहा कि हेमन्त सरकार हनीमून पीरियड मना रही है, राज्य की
जनता की फिक्र नहीं। सरकार गहरी निंद्रा में सोई हुई है। दिशाहीन दृष्टिहीन और मुठभेड़
की राजनीति में मशगूल सरकार की विफलताओं और कृतियों की गाथाएं लिखी जा रही है।
हर विभाग में भ्रष्टाचार की नई-नई कथाएं लिखी जा रही है। कोरोना काल में कल्याण
विभाग को सबसे ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता थी किंतु सरकार की उदासीनता के
कारण कल्याण विभाग के मार्फत कोई कार्य नहीं हुआ। विधायक मनीष जयसवाल ने कहा
कि आदिवासियों को भड़का कर व झूठे वादे कर सत्ता में आई हेमन्त सरकार में
आदिवासियों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। समाज के धार्मिक अगुवाओं को मिल रही
राशि इस सरकार ने बंद कर दिया, 25 करोड़ तक का टेंडर में आरक्षण का वादा नहीं हुआ
पूरा, सहायक शिक्षकों के प्रति लापरवाही भरा कदम, सहायक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति
को रद्द करने का फैसला, आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार, सिद्धू कान्हो के वंशज की
हत्या स्पष्ट करता है कि इस सरकार में आदिवासियों की स्थिति बद से बदतर होता जा
रहा है। वहीं उन्होंने दलित समाज, अल्पसंख्यक समाज पर बोलते हुए कहा कि इस
सरकार ने अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़ों को ठगने का कार्य किया है। उन्होंने कहा
हेमंत सरकार अल्पसंख्यकों को वोट बैंक बना कर ठगा है, मुसलमानों को डर दिखाकर
उनका वोट हासिल किया है।
अल्पसंख्यक और आदिवासी हित में कोई काम नहीं हुआ
सरकार गठन के 1 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद अभी तक अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक
कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड और उर्दू अकादमी का गठन नहीं हुआ। अल्पसंख्यक छात्रावास
में मूलभूत सुविधा प्रदान करने में सरकार फिसड्डी साबित हुई है। राज्य में बौद्ध सर्किट
को विकसित एवं उन्नत बनाया जाने का वादा भी खोखला निकला। इस सरकार में दलितों
की स्थिति में बद से बदतर होती जा रही है। दलित भूखे सोने को मजबूर हैं। इस सरकार में
अब तक सबसे ज्यादा दलितों की भूख से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार में
धर्मांतरण को प्रोत्साहन मिलने से आदिवासी समाज का अस्तित्व खतरे में है, महिला
विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं, राज्य में 17 सौ से ज्यादा दुष्कर्म की घटनाएं इंगित करती है
कि राज्य में महिलाएं असुरक्षित है। वहीं उन्होंने पतरातू डैम में हजरीबाग मेडिकल की
छात्रा का शव मिलने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराध अपने चरम सीमा पर है।
महिला उत्पीड़न एवं यौन शोषण में भारी बृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार इतनी
असंवेदनशील है कि ठंड से लोगों की मौत हो रही है और सरकार द्वारा बांटा जा रहा कंबल
का स्तर काफी खराब है। इस सरकार में कंबल घोटाले की बू है। उन्होंने कहा कि सरकार
पोलियो ग्रस्त है, सरकार फैसले लेने में अक्षम साबित हुई है। वहीं इस दौरान संवाददाता
सम्मेलन में उपस्थित विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि इस सरकार में धरातल पर 1 इंच भी
काम नहीं हुआ है। पूर्वर्ती के रघुवर सरकार में अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलित और
पिछड़ों के विकास के लिए जिन योजनाओं को शुरू किया गया था। उसे कांग्रेस और
झामुमो की सरकार ने बंद कर दिया।
प्रेस वार्ता में भाजपा के कई अन्य नेता भी थे उपस्थित
इससे पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज में खासा आक्रोश है। सरकार
निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है ऐसे निकम्मी सरकार को कुर्सी पर बने रहने का कोई
अधिकार नहीं है। प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मंत्री काजल
प्रधान भी उपस्थित थीं।
Be First to Comment
You must log in to post a comment.