मोतिहारीः लीची के लिए प्रसिद्ध पूर्वी चंपारण जिले के मेहषी में किसान लीची के मंजर पर
लाल कीड़ों के हमले से परेशान हैं। मेहषी के लीची किसान लतिफुर, शाहिद रज़ा, इमाम
हसन कुरैशी, अबुल काम आज़ाद, मुखिया सत्येंद्र सिंह, संजय सिंह, भगवान सिंह, सुरेंद्र
प्रसाद कुशवाहा समेत कई किसानों ने बताया कि लीची के पेंड़ में मंजर तो आने लगे है
लेकिन इसके साथ ही लाल कीड़ों का हमला शुरू हो गया है । यह कीड़े मंजर में खिल रहे
फूलों को चाट कर उसे नष्ट कर रहे हैं, जिससे लीची फसल के पैदावार को भारी नुकसान
होने का अनुमान है। किसानों ने बताया कि लीची का फसल चक्र शुरू हो गया है और
शाखाओं में मंजर निकलने के साथ ही डालियों पर लाल रंग के कीट का आक्रमण देखा
गया है। जिन पेड़ों के फूलों पर कीटाणुओं के हमले हो रहे हैं उनमें दाना निकलने की
उम्मीद समाप्त है । इसे लेकर किसानों की परेशानियां बढ़ गयी है। इस वर्ष लीची के पेड़ों
पर फरवरी माह में ही कीटाणुओं का हमला शुरू हो गया है, जिससे इस परिक्षेत्र के किसान
और व्यवसायी सहम गए हैं।
लीची के मंजर का हाल देख फसल की चिंता सताने लगी
हसन कुरैशी और मुखिया सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि लीची अनुसंधान केंद्र पूसा अथवा
कृषि विज्ञान केंद्र पिपराकोठी की टीम ने भी अबतक इस मामले में कोई पहल शुरू नहीं की
है। यदि इस वर्ष भी समय पर कोई ठोस कदम नही उठाया गया तो इस परिक्षेत्र के किसान
बर्बाद हो जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले दो वर्षों से लीची की फसल पर कीटाणुओं का बड़ा
हमला हो रहा है। पूर्वी चंपारण जिले के मेहषी प्रखंड परिक्षेत्र में करीब साढ़े ग्यारह हजार
हेक्टेयर में लीची के बागान फैले हुए हैं। इन बागानों की लीचियां देश के अनेक स्थानों पर
पहुंचाई जाती है जिससे किसानों की अच्छी कमाई होती रही है। वर्तमान में लीची पर
आधारित अनेक पेय बाजार में उपलब्ध होने के साथ साथ विदेशों में भी लीची की मांग
बढ़ने की वजह से लीची किसानों को अच्छा फायदा हो रहा है। इसी वजह से मंजर लगते ही
कीट के हमले से किसान परेशान हो गये हैं।
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