कोलकाताः कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को शारदा चिटफंड घोटाला मामले में मंगलवार को अग्रिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति शहीदुल्लाह मुंशी और न्यायमूर्ति शुभाशीष दासगुप्ता की पीठ ने 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को जमानत दी है।
पीठ ने सीबीआई को राजीव कुमार से पूछताछ के 48 घंटे पहले नोटिस देने का निर्देश दिया है।
पीठ ने पूर्व पुलिस आयुक्त की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी की थी।
याचिका पर चार दिनों तक बंद दरवाजे में सुनवाई चली थी।
इससे पहले 21 सितंबर को अलीपुर जिला सत्र अदालत ने कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी
जिसके बाद उन्होंने 23 सितंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी।
कुमार की पत्नी संचीता ने उनकी ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इससे पहले अलीपुर जिला अदालत ने कुमार की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि
अदालत में इसके लिए पर्याप्त आधार प्रस्तुत नहीं किये गये हैं।
कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश के पहले भगोड़ा घोषित
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अदालत के समक्ष श्री कुमार को भगोड़ा करार दिया था।
इससे पहले 13 सितंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कुमार को
अग्रिम गिरफ्तारी से दी गयी छूट को हटा लिया था।
इस वर्ष जून में न्यायमूर्ति प्रतीप प्रकाश बनर्जी की अवकाशकालीन पीठ ने एक महीने के लिए
श्री कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
अवकाशकालीन पीठ ने हालांकि श्री कुमार को अपना पासपोर्ट जब्त कराने
और मामला चलने तक पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया था।
इस दौरान भाजपा के कई नेताओं ने इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी
निशाने पर लेते हुए गंभीर आरोप लगाये थे।
इस मुद्दे पर खुद ममता ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में कोलकाता में धरना देकर
विरोधियों को हमला करने का यह अवसर प्रदान किया था।
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