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अदालत मे जवाब देने से बच रहे थे सुनील कुमार
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श्री सहाय ने इससे पहले हर वरीय अधिकारी को बताया था
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मार-पीट में घायल होने के बाद कई महीनों तक ईलाज में थे
रांचीः एनटीपीसी अधिकारी राकेश नंदन सहाय को अपने आवास पर बुलाकर मार पीट
करन के मामले में अब आइएएस अधिकारी सुनील कुमार को एक हजार रुपये का जुर्माना
भरना पड़ेगा। उच्च न्यायालय में इस संबंध में दाखिल याचिका पर लगातार अनुपस्थित
रहने वाले हजारीबाग के पूर्व उपायुक्त सुनील कुमार को झालसा में यह रकम जमा करना
होगा। दरअसल बार बार अदालत द्वारा नोटिस जारी किये जाने के बाद भी हाजिर होकर
अपना पक्ष नहीं रखने की वजह से उन्हें अंतिम मौका देते हुए यह जुर्माना किया गया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अमिताभ के गुप्ता की अदालत में यह आदेश पारित किया
गया है। एनटीपीसी के वरीय अधिकारी श्री सहाय को उपायुक्त आवास पर हुई मारपीट के
दौरान गंभीर चोट पहुंची थी। इसकी वजह से वह काफी दिनों तक अस्पताल में भी भर्ती रहे
थे। हजारीबाग के उपायुक्त का पक्ष लेते हुए पुलिस ने भी उल्टा मामला दायर कर दिया
था। स्वस्थ्य होने के बाद श्री सहाय ने इसके खिलाफ सभी संबंधित पक्षों को नोटिस भी
दिया था। राज्य के मुख्य सचिव सहित सभी संबंधित कार्यालयों में इसकी शिकायत करते
हुए मामले की जांच का अनुरोध किया गया था।
एनटीपीसी अधिकारी ने न्याय के लिए हर दरवाजा खटखटाया था
सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के बाद उन्होंने अदालत में मामला दायर
किया है। इसके पूर्व मानवाधिकार आयोग भी तत्कालीन उपायुक्त के आचरण को गलत
ठहरा चुका है। अपने आदेश में अदालत ने कहा है कि सुनील कुमार की तरफ से उपस्थित
वकील द्वारा अपना पक्ष रखने के लिए समय की मांग किये जाने के बाद उन्हें झालसा में
पैसा जमा करने की शर्त पर यह अनुमति प्रदान की जाती है।
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