वाशिंगटनः जयशंकर ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि
वह जानना चाहेंगे कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में कितनी विकास परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
श्री जयशंकर ने यहां बुधवार को एक थिंक टैंक की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं अफगानिस्तान में पाकिस्तानी विकास परियोजनाओं की एक सूची देखना चाहूंगा।’’
उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिका की भूमिका को लेकर कहा कि सभी जानते हैं कि अमेरिका वहां अपनी नीति में बदलाव कर रहा है,
लेकिन यह नीति कैसी होगी इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के अफगानिस्तान के साथ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक
और आर्थिक के अलावा विकासात्मक तथा राजनीतिक संबंध भी हैं।
श्री जयशंकर ने अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए वहां की जनता और चुने हुए प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम जानते हैं कि वहां अत्यंत बहुलतावादी राजनीति है।
हमारा मानना है कि किसी भी देश में समाज की दिशा तय करने में उसके लोगों और चुने हुए प्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।’’
उन्होंने अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा ,
‘‘ यदि आप पाकिस्तान से पूछें कि उसने पिछले 18 वर्षों के दौरान क्या योगदान
दिया, मैं मानता हूं कि वो कहेंगे कि उन्होंने अफगानिस्तान से आने वाले
शरणार्थियों को जगह दी जो सही है,
लेकिन सवाल यह है कि पाकिस्तान ने उनके साथ क्या किया।’’
जयशंकर ने पूछा शरणार्थियों को शरण देने के अलावा क्या किया
ऐसा तब कहा गया जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक दूसरे पर लंबे समय से
आतंकवादियों को सीमा के दूसरी ओर शरण देने का आरोप लगाते आ रहे हैं।
श्री जयशंकर ने गत माह अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अमेरिकी
अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा था, ‘‘अफगानिस्तान में अमेरिका की 18
साल की सैन्य प्रतिबद्धता रही।
मैं स्पष्ट रूप से यह मानता हूं कि कोई अन्य देश ऐसी प्रतिबद्धता व्यक्त नहीं कर सकता।’’
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