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शराबबंदी समाप्त करने की मांग पहले ही कर चुके हैं शर्मा
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दूसरे राज्यों तक बेचकर उसका दाम ले तो सरकार के काम आये
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गरीबों को राशन के अलावा दूसरे काम के लिए धन जुट पायेगा
दीपक नौरंगी
भागलपुरः शराब नष्ट करने से किसे क्या फायदा है। बिहार में खास तौर पर भागलपुर
और आस पास के इलाकों में हर माह करोड़ों रुपये की अवैध शराब पकड़ी जाती है। उन्हें
नियम के मुताबिक नष्ट कर दिया जाता है। बिहार की जो वर्तमान हालत है उसमें इसे
नष्ट करने से तो बेहतर है कि उसे पड़ोसी राज्यों में वापस बेच दिया जाए। इससे कमसे
कम सरकार के खाते में राजस्व की आमदनी तो होगी। यह विचार है भागलपुर के
विधायक अजीत शर्मा का।
वीडियो में जानिये उन्होंने इस बारे में क्या कहा
शराबबंदी समाप्त कर बिहार में शराब की बिक्री की अनुमति देने की मांग तो श्री शर्मा
पहले ही कर चुके हैं। जब उन्होंने ऐसा बयान दिया था तो बिहार के राजनीतिक हलके में
तूफान आ गया था। लेकिन श्री शर्मा ने तब भी स्पष्ट किया था कि शराबबंदी होने के बाद
भी अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि सरकार के खाते में इससे
कोई आमदनी नहीं हो रही है। यानी दूसरे शब्दों में शराब की कालाबाजारी तो हो रही है और
सरकार को सिर्फ घाटा हो रहा है। अवैध शराब का कारोबार करने वाले पश्चिम बंगाल
अथवा झारखंड से शराब की खेप नियमित तौर पर बिहार पहुंचा रहे हैं। इसलिए बिहार
सरकार को अपने फैसले पर दोबारा विचार करते हुए शराबबंदी को समाप्त कर देना
चाहिए। कोरोना काल में जहां संसाधनों की भारी कमी है, इस कारोबार से भी पैसा आयेगा
तो गरीबों को दो वक्त की रोटी देना आसान हो जाएगा।
शराब नष्ट होने से सरकार को कोई मुनाफा तो नहीं होगा
इस बार फिर से विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि शराब नष्ट करने से किसे फायदा हो रहा
है। सभी को पता है कि पड़ोसी राज्यों से यह शराब पहुंचायी जा रही है। जब सरकार के पास
धन का संकट है तो उस जब्त शराब को पड़ोसी राज्य को बेचकर ही धन क्यों नहीं एकत्रित
किया जाता। इससे भी गरीबों को भोजन देने के प्रबंध के साथ साथ अन्य आवश्यक कार्यों
के लिए अतिरिक्त धन का प्रबंध हो पायेगा। अभी शराब नष्ट किया जा रहा है। उसके
बदले अगर इसे पड़ोसी राज्यों को ही बेच दिया जाए तो कमसे कम गरीबों को राशन देने
का कुछ पैसा तो सरकार के खाते में आयेगी। उन्होंने कहा कि वह लगातार इस शराबबंदी
के फैसले को गलत मान रहे हैं। क्योंकि उनके आकलन के मुताबिक भागलपुर और आस
पास के इलाकों से ही हर माह करोड़ों की शराब पकड़ी जा रही है। शराब नष्ट होने से करोड़ों
रुपये के इस कारोबार से राजस्व कुछ नहीं मिल रहा है। आज जबकि कोरोना काल में
सरकार के पास धन की कमी है तो अतिरिक्त धन जुटाने के हर संभव उपाय पर सरकार
को विचार करना चाहिए।
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