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एफ 16 के इस्तेमाल का पहले किया था खंडन
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भारत ने मिसाइल के टुकड़े भी प्रदर्शित किये थे
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अत्याधुनिक विमान के गिरने से रक्षा कारोबार प्रभावित
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पाकिस्तान के एफ 16 के दुरुपयोग पर अमेरिकी चेतावनी
वाशिंगटनः कश्मीर सीमा पर भारत और पाकिस्तान के वायु युद्ध के दौरान बहुचर्चित
एफ 16 युद्धक विमान मार गिराया गया था। भारतीय मिग के हमले में दुनिया के इस
अन्यतम श्रेष्ठ विमान के गिरने की वजह से पूरी दुनिया के रक्षा विशेषज्ञों के बीच हैरानी
फैल गयी थी। अब अमेरिका ने इसी मुद्दे पर पाकिस्तान को चेतावनी दी है। अमेरिका
ने अपने विश्व के अन्यतम श्रेष्ठ विमान के इस तरीके से मार गिराये जाने के बाद इस
विमान के दुरुपयोग का सवाल उठाया है। दरअसल इस विमान के मिग जैसे पुराने
विमान से मात खा जान की वजह से अमेरिकी रक्षा कारोबार को बड़ा झटका लगा है।
अमेरिका की तरफ से आंद्रिया थॉम्पसन ने इस बारे में पाकिस्तान के वायु सेना अध्यक्ष
को एक पत्र लिखा है। पाकिस्तानी वायु सेना अध्यक्ष एयर मार्शल मुजाहिद अनवर खान
को यह पत्र पिछले अगस्त माह में ही भेजा गया था। अब इस पत्र का विषय सार्वजनिक
हुआ है। वैसे पत्र में उस दौरान के पुलवामा और बालाकोट की घटनाओं का कोई उल्लेख
नहीं है। सिर्फ यह मुद्दा उठाया गया है कि पाकिस्तान ने अमेरिका से यह विमान हासिल
करने के समय जिन मुद्दों पर सहमति जतायी थी, उन शर्तों का उल्लंघन किया गया है।
अमेरिका को विमान के उपयोग के कारणों पर घोर आपत्ति
पाकिस्तान द्वारा इस उन्नत किस्म के विमान के कश्मीर सीमा पर उपयोग के मूल
कारणों पर अमेरिका को आपत्ति है। दरअसल इसके माध्यम से भी अमेरिका ने
पाकिस्तान में चल रही आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए ऐसे विमान
का उपयोग को गलत माना है। इससे पहले कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान के एफ 16
विमान को मार गिराने के भारतीय दावा का खंडन किया गया था। उस वक्त अमेरिकी दल
ने भी यह बयान दिया था कि पाकिस्तान को उपलब्ध कराये गये सभी एफ 16 विमान
सकुशल हैं। यह सफाई इसलिए दी गयी थी क्योंकि भारत ने वायु युद्ध में मिग बाइसन
जैसे पुराने विमान से एफ 16 को मार गिराने की बात कही थी।
इस क्रम में सेना की तरफ से आमराम मिसाइल के टुकड़े भी प्रदर्शित कर दिये गये थे।
उल्लेखनीय है कि इस दौरान भारतीय मिग विमान पर सवार विंग कमांडर अभिनंदन
वर्धमान का विमान भी मिसाइल हमले में गिरा था। जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने
गिरफ्तार कर लिया था। उस वक्त के तनाव को देखते हुए पाकिस्तान ने तत्काल ही विंग
कमांडर अभिनंदन को लौटा भी दिया था।
लेकिन तब से लेकर अब तक यही सफाई दी जाती रही थी कि उस हवाई युद्ध में एफ 16 का
उपयोग नहीं हुआ था। याद रहे कि पुलवामा की घटना के बाद यह हवाई युद्ध हुआ था।
इसमें पाकिस्तान ने कश्मीर सीमा पर दो भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया
था। एक विमान तो विंग कमांडर अभिनंदन का था।
लेकिन दूसरे विमान के बारे में बाद में पाकिस्तान की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गयी।
इसलिए भारतीय वायुसेना का यह दावा सही प्रतीत होता है कि हवाई युद्ध में जमीन पर
गिरने वाला दूसरा विमान पाकिस्तानी एफ 16 ही था।
कश्मीर सीमा पर विमान गिरने का पाकिस्तान ने किया था खंडन
अब अमेरिकी अधिकारी का पत्र बाहर आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वहां एफ 16
विमान का इस्तेमाल पाकिस्तान ने किया था। और मिग जैसे पुराने विमान के मुकाबले
यह परास्त भी हुआ था। इसी वजह से अमेरिका को अपने सबसे बेहतर विमानों में से एक
के इस तरीके से मार गिराये जाने की वजह से नाराजगी है। इससे अमेरिका का रक्षा
कारोबार भी प्रभावित हुआ है। अनेक देश, जो पहले एफ 16 खरीदना चाहते थे, इस घटना
के बाद सौदे की बात-चीत आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। अमेरिका की चिंता भारत और पाकिस्तान
का तनाव नहीं बल्कि उसके रक्षा कारोबार को इस एक घटना से लगी चोट है। अमेरिका ने
पूरी दुनिया में इस एफ 16 विमान को अजेय बताकर अपना कारोबार किया था। अब अति
प्राचीन तकनीक के विमान के मुकाबले इसके विफल होने की वजह से विमान के क्रेता नये
सिरे से स्थिति की समीक्षा करने लगे हैं। इससे विमान की खरीद प्रभावित होने वाली है।
अमेरिकी कारोबार का एक बहुत बड़ा हिस्सा रक्षा सामानों का भी है। इसमें घाटा होने का
अंदेशा होते ही अमेरिका ने पाकिस्तान के ऊपर अपनी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल
भारत के मिग बाइसन से मुकाबले में हार जाने के बाद अमेरिका का रक्षा संबंधी दावा
गलत साबित हुआ है। इसी वजह से हर कोई नये सिरे से एफ 16 विमान के बारे में
अमेरिका द्वारा किये गये तमाम दावों को अब अपनी कसौटी पर परख लेना चाहता है।
भारत ने भी इस रक्षा कारोबार के सिलसिले में अब राफेल विमानों की खरीद की है। इस
वजह से दुनिया के कई अन्य देश भी एफ 16 के बदले अन्य विकल्पों पर विचार करने
लगे हैं।
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