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कमजोर सरकार झारखंड के लिए बहुत बड़ा खतरा
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धन का रोना रोती है पर दिल्ली में छह लाख का बंगला
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अवैध कारोबारी ही अभी सत्ताधीशों कि तिजोरियां भरते हैं
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इस राज्य सरकार की सबसे बड़ी परेशानी कांग्रेस का होना ही है
राष्ट्रीय खबर
रांचीः अगर नेतृत्व कमजोर हो, अक्षम हो तो सारी मुसीबतें अपने आप पैदा होने लगती है।
विकास की गति थम जाती है और सरकार किसी भी विषय पर फैसले लेने से कतराने
लगती है,यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कही।श्री
दास आज प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। विकास कार्यों के लिए
धन के अभाव का रोना इस सरकार की दिनचर्या का हिस्सा है। लेकिन दिल्ली में छह लाख
रुपये महीने का बंगला लेने में धन की कमी आड़े नहीं आती। कमजोर किंतु गलाबाज
शासन में चारों और व्यवस्था दिखाई जाती है, लेकिन होती नहीं है। कमजोर शासन में भू-
माफिया, जंगल माफिया और खनन माफियाओं को संरक्षण दिया जाता है। जमीन, जंगल
और खनिजों के अवैध कारोबारी बेखौफ होकर काम करते हैं और अपनी काली कमाई से
सत्ताधीशों की तिजोरिया भरते हैं आगे श्री दास ने कहा कि कमजोर शासन में लोक गायब
और तंत्र हावी हो जाता है। श्री दास ने कहा कि सवाल यह है कि इन 13 महीनों में विकास
की गाड़ी ठिठक क्यों गई। राज्य में अराजकता एवं अर्थव्यवस्था, पेशेवर अपराधियों तथा
उग्रवादियों के आतंक के लिए यदि मुख्यमंत्री नहीं, तो कौन जिम्मेदार है। इससे
राष्ट्रविरोधी शक्तियों, उग्रवादियों, अपराधियों का मनोबल बढ़ गया और वे पूरे राज्य में
तांडव मचाने लगे। यहां तक कि सांवैधानिक प्रमुख राज्यपाल के आवास की दीवारों पर
दहशतगर्दी के पोस्टर चिपकाने लगे। आगे उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की एक
महत्वकांक्षी योजना थी रेडी टू ईट। इस योजना का मकसद गांव-देहात के गरीब बच्चों को
पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना था। इस योजना का कार्यान्वयन सखी मंडलों (सेल्फ
हेल्प ग्रुप) के माध्यम से होना था। इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होने थे।
अगर सरकार चाहती तो कई अच्छी योजनाएं चालू रहती
लेकिन सरकार ने यह कहते हुए इसे बंद कर दिया था कि इसका कार्यान्वयन फिलहाल
असंभव है। सरकार स्वयं मानती है की वह ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं के
कार्यान्वयन में अक्षम है। वह गांव स्तर पर आटा पीसने-गुथने की छोटी सी मशीन तक
नहीं लगवा सकती। अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। और चर्चा यह है कि टेंडर उसी
को मिलने वाला है, जो अंडमान निकोबार से मजदूरों को हवाई जहाज से झारखंड लाया
था।
आगे श्री दास ने कहा कि इस सरकार के लिए सबसे बड़ी परेशानी कांग्रेस है। कांग्रेस के
एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अगर सरकार के अंदर रहे या फिर बाहर से समर्थन करें, अपने
लिए जबरदस्त वसूली करती है। आरपीएन सिंह है, जिनपर कांग्रेस के ही एक बड़े नेता
फुरकान अंसारी ने खुलेआम आरोप लगाया कि वह अपने मंत्रियों के माध्यम से वसूली
करते हैं। दरअसल कांग्रेस को अगले चार महीनों में पांच राज्यों में चुनाव लड़ना है और
इसके लिए झारखंड से कुछ मोचन-दोहन वह नहीं करेगी, ऐसा कैसे हो सकता है। श्री दास
ने सवाल किया कि नयी दिल्ली में एन.आर.आई इनवेस्टमेंट सेल के नाम पर छह लाख
रूपये प्रति माह में एक बंगला 5/1, आनंद निकेतन, नयी दिल्ली क्यों बुक किया गया है।
झारखंड भवन में सारी सुविधाएं होने के बावजूद हेमंत सोरेन जब भी नयी दिल्ली की यात्रा
पर रहते हैं अपनी सुविधा के लिए यहां क्यों ठहरते हैं। प्रेस वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल
शाहदेव उपस्थित थे।
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