वाशिंगटनः हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेने की वकालत करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह निवारक दवा के अपने नियमित आहार को एक या दो दो
दिन में समाप्त कर देंगे। श्री ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को
संबोधित करते हुए कहा, “मुझे लगता है मैं इसे एक या दो दिन में समाप्त कर दूंगा। मुझे
लगता है दो दिन में।” उनका यह बयान उस घोषणा के दो दिन बाद आया है, जिसमें
उन्होंने कहा था कि वह मलेरिया की दवा का कोरोना वायरस से बचाव के लिए पिछले दो
सप्ताह से नियमित तौर सेवन कर रहे हैं।
यह दवा दिल की बीमारी का कारण बन सकती है, इसकी चेतावनी देने के बाजवजू भी श्री
ट्रम्प कोरोनो वायरस के लिए संभावित उपचार के रूप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के
इस्तेमाल की वकालत लगातार करते रहे हैं। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन
(एफडीए) ने पिछले महीने कोविड-19 के उपचार के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन तथा
क्लोरोक्वीन को लेकर चेतानी जारी की थी। औषधि प्रशासन ने दिल की बीमारी के कारक
होने के कारण इन्हें अस्पताल और चिकित्सकीय इस्तेमाल से अलग रखने को कहा था।
औषधि प्रशासन ने कहा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन तथा क्लोरोक्वी सुरक्षित और कोविड-19
के उपचार के लिए प्रभावशाली नहीं है।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की जिद पर अड़ गये थे ट्रंप
इस दवा की मांग पर अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के साथ जिद पर अड़ गये थे। दरअसल यह
दवा अमेरिका में उपलब्ध नहीं होने तथा भारत में इसका व्यापक उत्पादन होने की वजह
से ट्रंप ने भारत को इसके लिए धमकी तक दे डाली थी। भारत ने जरूरत को समझते हुए
अमेरिका सहित कई अन्य देशों क आपात व्यवस्था के तहत यह दवा भेजी थी। जिसका
खुद श्री ट्रंप और कुछ अन्य राष्ट्ध्यक्षों ने आभार भी व्यक्त किया था। पूरी दुनिया में इस
दवा का सबसे बड़ा उत्पादक भी भारत है। इस बात को जानकर अब दुनिया के अन्य
अनेक देश पहली बार भारत से दवा संबंधी जानकारी भी नियमित तौर पर हासिल कर रहे
हैं।
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