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मुख्यमंत्री कई विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
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वाणिज्य कर विभाग अपनी क्षमता को पहचानेः हेमंत सोरेन
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हमें अपने संसाधनों से राजस्व को दोगुना करना है
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अभी लगातार जारी रहेगी विभागों की समीक्षा बैठक
राष्ट्रीय खबर
रांचीः केंद्र सरकार के पास राज्य का जीएसटी कंपनसेशन का भुगतान बकाया है। लेकिन
केंद्र सरकार द्वारा भुगतान की दिशा में अबतक पहल नहीं की गई है। वित्त एवं वाणिज्य
कर विभाग द्वारा वर्तमान में किया जा रहा राजस्व संग्रह संतोषजनक नहीं है। राजस्व को
दोगुना करने की दिशा में कार्य करें। राजस्व संग्रह को प्राथमिकता मान कार्य आरंभ होना
चाहिए। झारखण्ड के विकास एवं यहां के लोगों को योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए
व्यय तो होगा ही। लेकिन राज्य की आमदनी भी बढ़े। ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन
ने योजना सह वित्त विभाग एवं वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता
करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा राजस्व संग्रह पर राज्य काफी हद तक
निर्भर रहता है। विभाग की निगाह राज्य के हर कोने में होनी चाहिए, ताकि राजस्व संग्रह
बेहतर ढंग से हो सके। टैक्स की चोरी को रोकने की दिशा में काम हो। विभाग को आईटी
सेल से जुड़ कर खुद को मजबूत करना होगा। टैक्स की चोरी करने वालों से बेहतर प्रणाली
विकसित करें। हाईटेक व्यवस्था से टैक्स चोरी में काफी हद तक विराम लगेगा। सरकार
आपको इसके लिए हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को तत्पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तहत माननीय न्यायालयों में कई मामले लंबित हैं। वाणिज्य कर
विभाग को उन सभी मामलों की समीक्षा करनी चाहिए। अधिक राशि के मामलों पर विशेष
ध्यान दें। माननीय न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखें। विभाग अपनी क्षमता को
पहचानते हुए कार्य करेगा तो अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी। इससे केंद्र सरकार के पास
बकाया रकम हासिल करने की निर्भरता भी कम होगी।
केंद्र सरकार के पास बकाया छोड़कर अपने राजस्व को बढ़ाये
विभिन्न मामलों में अलग-अलग न्यायालयों में करीब 4,552 मामले चल रहे हैं, जिसके
तहत 4, 230 करोड़ रुपये बकाया है, जिसकी प्राप्ति विभाग को करनी है। मुख्यमंत्री ने
कहा कि स्टेट वेंडर का सही आंकलन होना चाहिए। ताकि उनकी सही जनसंख्या का पता
चल सके और जरूरतमंदों को आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से बैंक लोन मिलने
में सहूलियत हो। कोरोना संक्रमण काल में ये सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। आत्मनिर्भर
भारत योजना से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कर पाए यह हमारा लक्ष्य होना
चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड किसी जिला में अधिक तो कहीं
कम है। ऐसे में जिस जिला का बजट विकास कार्यों यथा सड़क, पानी व बिजली के लिए
अधिक आवंटित है, वहां संबंधित विभाग प्लान बजट की राशि को अन्य जिलों में
स्थानांतरित कर विकास कार्य करें। इसमें सीएसआर फण्ड को भी शामिल करें।
गाइडलाइन के अध्ययन के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
अन्य राज्यों से डीजल क्यों खरीद रही हैं कंपनियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सीमा से सटे जिलों में खनन कार्य कर रही कोयला
कंपनियां अन्य राज्यों से डीजल खरीदे जाने की जानकारी मिल रही है, जबकि उनका
एकरारनामा स्थानीय पेट्रोल पंप से डीजल लेने की है।
नियुक्तियों से संबंधित प्रतियोगिता-परीक्षाओं का आयोजन ससमय सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जेपीएससी के माध्यम से होने वाले सभी
प्रतियोगिता-परीक्षाएं ससमय आयोजित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
जेपीएससी एक कैलेंडर बनाकर नियमित रूप से प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित करे।
मुख्यमंत्री ने सेवा देने की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों में जितने भी
जाति प्रमाण पत्र, स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र के आवेदन लंबित हैं
उन सभी आवेदनों का प्राथमिकता के तौर पर निष्पादन किया जाए। इस संबंध में
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग सभी जिलों के उपायुक्तों को अपनी
ओर से एक निर्देश जारी करे। जल्द से जल्द इन सभी प्रमाण पत्रों के आवेदनों का निपटारा
हो इस पर मुख्यमंत्री ने बल दिया। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में
आयोजित कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग एवं मंत्रिमंडल सचिवालय
एवं निगरानी विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित करते
हुए कहीं।
नए साल में नियुक्ति प्रक्रियाओं में तेजी लाने का निर्देश
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के
पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी विभागों में रिक्तियों की समीक्षा करते
हुए आवश्यक सेवा के जितने भी पद रिक्त हैं उन्हें जल्द से जल्द भरने की कवायद शुरू
करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों में कर्मियों की कमी रहने के कारण कार्य बाधित होता
है। जितने भी आयोग है जहां-जहां रिक्तियां हैं उसकी समीक्षा कर डाटा बनाएं। विभागवार
समीक्षा करते हुए कार्य हित में जो भी मैनपावर नियुक्त करने की आवश्यकता है उसे पूरा
करें। नए साल में नियुक्तियों से संबंधित विज्ञापन जारी हो इस पर फोकस रखें। बैठक में
सचिव अजय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आशुलिपिक के कुल
स्वीकृत पदों की संख्या 454 है परंतु कुल कार्यरत मात्र 02 है अतएव कुल 452 आशुलिपिक
पदों पर नियुक्ति होनी है। सचिव ने बताया कि निम्न वर्गीय लिपिक का कुल स्वीकृत पद
524 है इन पदों के विरुद्ध 99 कार्यरत हैं और 425 रिक्तियां है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा
कि आशुलिपिक एवं लिपिकीय सेवा नियमावली में संशोधित करते हुए जल्द इन पदों पर
बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग अंतर्गत
प्रक्रियाधीन परीक्षाओं की अद्यतन विवरणी प्रस्तुत की गई। राज्य के विश्वविद्यालयों में
गैर शैक्षणिक पद निबंधक, उपनिबंधक एवं परीक्षा नियंत्रक के पदों की समीक्षा के संबंध
में सचिव द्वारा बताया गया कि नीलांबर एवं पीतांबर विश्वविद्यालय में निबंधक के 01
पद एवं उप निबंधक के 01 रिक्त पद पर एवं झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में
निबंधक के 01 रिक्त पद पर नियुक्ति हेतु अनुशंसा की जा चुकी है।
कई पदों पर बहाली की अनुशंसा की जा चुकी है
सचिव ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा निर्गत आरक्षण
रोस्टर के संबंध में नवीन मार्गदर्शिका के आलोक में अग्रसर कार्रवाई की जा रही है।
बीआईटी सिंदरी में शैक्षणिक पद के नियुक्तियों के संबंध में बताया गया कि सह-
अध्यापक के 47 रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु अनुशंसा की जा चुकी है। पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय में शैक्षणिक पद पर प्रधानाचार्य के 13 रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु
अनुशंसा की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी पदों पर जब से जल्द नियुक्ति
प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग अंतर्गत प्रक्रियाधीन परीक्षाओं
की अद्यतन विवरणी रखी गई बैठक में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के समक्ष झारखंड
कर्मचारी चयन आयोग अंतर्गत प्रक्रियाधीन परीक्षाओं की अद्यतन जानकारी देते हुए
सचिव ने अवगत कराया कि विभिन्न पदों पर होने वाली परीक्षाओं की कुल अधियाचना
के विरूद्ध 9215 पदों के लिए अनुशंसा भेजी जा चुकी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि
रिक्त पदों के लिए जो भी प्रतियोगिता परीक्षाएं ली जानी है इन परीक्षाओं को ससमय
किया जाए।
[…] बीच ही केंद्र सरकार ने इस आंदोलन के संबंध में एक एडवाइजरी […]