रांचीः वाम दलों ने भी रांची में धरना देकर दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन
के प्रति अपना नैतिक समर्थन जाहिर किया। किसान आंदोलन का भरपूर समर्थन दें और
अपने अन्नदाताओं की हिफाजत करें। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सह
हज़ारीबाग़ के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने आम-अवाम से आह्वान किया ।
उन्होंने कहा कि आरएसएस व भाजपा के लोगों ने किसानों को बदनाम करने का प्रयास
किया है, जो सफल नहीं होगा। उक्त बातें उन्होंने राजभवन के समक्ष कही। वे राजभवन
के समक्ष सीपीआई द्वारा आयोजित धरना को बोल रहे थे। धरना की शुरुआत उमेश
नज़ीर, हदीस अंसारी व लोकेश आनन्द ने “हक की लड़ाई गीत गाकर किया। उसके बाद
भाकपा राष्ट्रीय समिति सदस्य के डी सिंह ने किसान आंदोलन के बारे में विस्तार से
बताया। उन्होंने कहा कि किसानों की लडाई आज पूरे देश की लड़ाई बन चुका है। फिर भी
केन्द्र सरकार अड़ियल रुख अपनाये हुए है। राज्य कार्यकारिणी सदस्य शशि कुमार ने केंद्र
सरकार को धमकी दी और कहा कि अगर खेती से संबंधित काले कानूनों को रद्द नहीं किया
जाता है, इसके बाद हम सड़क और रेल जाम करेंगे और जेल भरेंगे, । उससे भी नहीं
सरकार मानी, तो हम झारखंड से एक छँटाक खनिज राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे।
वाम दलों के धरना में शामिल हुए सभी प्रमुख वामपंथी नेता
सीपीएम नेता प्रकाश विप्लव ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को पंजाब-
हरियाणा के किसानों का आंदोलन है। इस तरह का भरम इसलिए फैलाया जा रहा है,
क्योंकि नरेंद्र मोदी और उसकी सरकार फंस चुकी है। उन्होंने कहा कि अब यह किसानों का
ही नहीं, बल्कि मजदूर, छात्र-नौजवान, छोटे व्यवसायियों का आंदोलन बन चुका है। सब
एकजुट होकर सरकार द्वारा अडानी-अंबानी की दलाली पर हमला कर रहे हैं। भाकपा नेता
पंचानन महतो ने कहा कि इस लड़ाई में नरेन्द्र मोदी की हार निश्चित है, क्योंकि इस बार
वे देश के अन्नदाताओं से टकरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी हर चाल को किसान
नाकाम कर रहे हैं। वहीं भाकपा नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार
आरएसएस और कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर किसानों को खेत मजदूर बनाने की साजिश
कर रही है। इसके लिए वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं भाकपा नेता उमेश नज़ीर
ने कहा कि पूंजीवादी और सांप्रदायिक ताकतें मिलकर किसानों को हराने में जुटी है। इस
मौके पर भाकपा नेता गणेश महतो, मजदूर नेता अशोक यादव, फरज़ाना फ़ारूक़ी,
लालदेव सिंह, इसहाक अंसारी, केवला उरांव, बन्धन उरांव,सच्चिदानंद मिश्र, पुरन्दर
महतो, रशीदी, अजय कुमार सिंह, उमेश नज़ीर, लोकेश आनन्द सहित कई लोगों ने अपने
विचार व्यक्त किया। सभा की अध्यक्षता पीके पांडेय ने की और धन्यवाद ज्ञापन
आदिवासी नेता प्रफुल्ल लिंडा ने किया।
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