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किसानों ने कहा इस्तीफा देकर पहले किसान बने
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चार ग्रामीण हुए हैं इस मार पीट में घायल
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थाना में शिकायत भी दर्ज करायी गयी है
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मंत्री ने कहा रालोद की साजिश है यह
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः मुजफ्फरनगर में भी भाजपा का किसानों से मिलने का दूसरा प्रयास विफल हो
गया। इस बार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ अधिक समर्थक थे। जिस कारण वहां
ग्रामीणों के साथ मार पीट भी हुई। इस घटना के बाद किसानों ने फिर से इस मुद्दे पर
मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाने का एलान भी कर दिया। दूसरी तरफ संजीव
बालियान ने कहा कि इस पूरे हंगामे के पीछे राष्ट्रीय लोकदल के लोग जिम्मेदार हैं।
लेकिन जिस मकसद से संजीव बालियान अपने लाव लश्कर के साथ किसान नेताओं से
मिलने जा रहे थे, वह फिर पूरा नहीं हो पाया। इससे पूर्व शामली के बुड़ियान (जावला) और
कालखंडे खाप के चौधरी सहित गठवाला खाप के बहावड़ी थांबेदार ने भी भाजपा नेताओं से
मिलने से इंकार कर दिया। भाजपा नेताओं से दो टूक लहजे में कहा गया है कि वे मंत्री,
विधायक और भाजपा नेता अपने पदों से इस्तीफा देकर किसान बनकर उनसे बात करें।
बताते चलें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संजीव बालियान सहित भाजपा के जाट
नेताओं को जाटों की नाराजगी दूर करने के लिए ऐसा टास्क दिया है। इसी जिम्मेदारी के
तहत जाट और भाजपा नेता नये सिरे से अपने अपने इलाकों में किसानों की नाराजगी दूर
करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि किसान आंदोलन से भाजपा ने स्पष्ट तौर पर दूरी बना
रखी है। मुजफ्फरनगर में शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव सोरम में तेरहवीं में शामिल होने गए
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान को देखकर कुछ ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की।
मुजफ्फरनगर में भी शाह के निर्देश पर सक्रियता
पुलिस की मौजूदगी में मंत्री समर्थक और ग्रामीणों में मारपीट हुई। इसमें चार लोग घायल
हो गए। मामले को लेकर गांव की चौपाल पर रालोद और भारतीय किसान यूनियन की
पंचायत हुई। इसके बाद ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव
बालियान व उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए तहरीर दी। तय हुआ
कि 26 फरवरी को सोरम में महापंचायत होगी। पूरे मामले पर केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव
बालियान का कहना है कि शोकसभा एवं रस्म पगड़ी में शामिल होने गए थे। इसी दौरान
रालोद के आठ-दस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अभद्रता व गाली गजौज की। ग्रामीणों ने
उन्हें ऐसा करने से मना किया, जिस पर आपसी झड़प हुई। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव
बालियान सोमवार को गांव सोरम में ग्रामीण राजबीर सिंह की तेरहवीं में शोक संवेदना
व्यक्त करने गए थे। वापस लौटते समय कुछ ग्रामीणों ने मंत्री और भाजपा के विरोध में
नारेबाजी कर दी। इसके चलते ग्रामीण और मंत्री समर्थक आमने-सामने आ गए। दोनों
पक्षों में जमकर मारपीट हुई। लाठी-डंडे चलने से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद
मंत्री की सुरक्षा में तैनात और शाहपुर पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर शांत किया।
पुलिस ने किसी तरह मंत्री को वहां से सकुशल निकाला
मुजफ्फरनगर में पुलिस ने केंद्रीय राज्यमंत्री को गांव से सकुशल निकाला। मारपीट में
ग्रामीण सीटू, पिंकार, योगेश और सतपाल घायल हो गए। ग्रामीणों के घायल होने पर
रालोद और भाकियू नेताओं में रोष फैल गया। सोरम की चौपाल पर हुई पंचायत में
मारपीट के आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने व उनकी गिरफ्तारी की मांग की
गई। शाहपुर थाने का घेराव कर पंचायत की मांग दोहराई गई। थाने पर सैकड़ों लोग पहुंच
गए। देर शाम गांव निवासी योगेश कुमार की ओर से थाने में तहरीर दी गई है। बाद में तय
हुआ कि आगामी 26 फरवरी को सौरम की एतिहासिक चौपाल पर महापंचायत होगी।
थाना प्रभारी ने बताया कि तहरीर मिली है जिसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे
की कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों को फिलहाल समझा दिया गया है। जिलाध्यक्ष रालोद
अजीत राठी ने कहा कि सोरम की घटना भाजपाइयों के मन बढ़ने का नतीजा है। लोकतंत्र
में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। रालोद किसानों-ग्रामीणों के साथ है। ऐसी
घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोरम की घटना के बाद राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष
जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर में हुई मारपीट पर ट्वीट कर कहा कि किसानों के पक्ष में
बात नहीं होती तो कम से कम अपना व्यवहार तो अच्छा रखो।
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