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अमीनूल हक
ढाकाः साढ़े पांच हजार रोहिंग्या शरणार्थियों को आज भासानचर इलाके में नाव के सहारे
भेज दिया गया। बांग्लादेश के कॉक्सबाजार में रहने वाले लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों को
वापस लेने के लिए म्यांमार सरकार ने समझौता किया था। वर्तमान में नये पुराने
मिलाकर करीब सात लाख ऐसे शरणार्थी हैं। म्यांमार पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव होने के बाद भी
इस दिशा में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। जान बचाने के लिए देश छोड़कर भाग
आये इन लाखों शरणार्थियों को बांग्लादेश में आश्रय दिया गया था। इन शरणार्थियों को
नये सिरे से स्थान देने के लिए बांग्लादेश ने भासानचर में सारे संसाधन विकसित किये हैं।
वैसे यह जमीनी इलाका भी प्राकृतिक तौर पर समुद्र के अंदर से उभकर आया है। इसी
स्थान पर कक्सबाजार के कुतुपाल इलाके से एक हजार 780 रोहिंग्या शरणार्थियों के
तीसरे दल को आज भेजा गया। बांग्लादेश की नौसेना की देखरेख में यह काम पूरा हुआ।
चटगांव के शाहीन कॉलेज के ट्रांजिटकैंप चार जहाजों में भरकर इनलोगों को वहां सकुशल
पहुंचाया गया है। इसके पूरव भी वहां कई खेप में हजारों शरणार्थी भेजे जा चुके हैं।
साढ़े पांच हजार से पहले भी भेजे गये हैं रोहिंग्या
कॉक्सबाजार इलाके से रोहिंग्या शरणार्थियों के चले जाने की कार्रवाई से स्थानीय स्तर पर
भी परेशानियां कम हो रही हैं। यहां के टेकनाफ और उखिया के इलाकों में इतनी अधिक
संख्या में शरणार्थियों के होने की वजह से स्थानीय निवासी भी नाराज चल रहे थे। साथ ही
स्थानीय लोग इस बात को लेकर भी अधिक नाराज थे कि यहां आने के बाद अनेक
रोहिंग्या चोरी छिपे दूसरे इलाकों में जा बसे हैं। उसके अलावा अपराध और खास तौर पर
मादक पदार्थों की तस्करी की वजह लोग बहुत परेशान थे और चाहते हैं कि ऐसे
असामाजिक तत्व यहां से हट जाएं। यह कार्रवाई प्रारंभ होने की वजह से ऐसा माना जा
सकता है कि स्थानीय लोग भी इससे शांति से रह सकेंगे और जो सामाजिक विद्वेष यहां
फैल गया था, वह धीरे धीरे कम होगा।
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