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सरकार बनाने पर नौकरी में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण
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अखिल भारतीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव का एलान
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प्रियंका पहले ही बोल गयी है पार्टी के पांच गारंटी के बारे में
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गठबंधन मजबूत होने के भाजपा के खिलाफ तेवर भी तल्ख हुए
उत्तर पूर्व संवाददाता
गुवाहाटी : असम चुनाव में कांग्रेस ने नई चाल चली है। इस चाल के दूरगामी परिणाम भी
हो सकते हैं। असम चुनाव के पहले ही कांग्रेस ने यह एलान कर दिया है कि चुनाव जीतने
पर उनकी पार्टी और गठबंधन राज्य की नौकरियों में महिलाओं के 50 फीसदी आरक्षण
देंगे। महिला वोटर्स को लुभाने के लिए सरकारी नौकरी में महिलाओं को आरक्षण देने का
ऐलान किया हैं। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि यदि
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व गंठबंधन महाजोत सत्ता में आती है तो महिलाओं को
सरकारी नौकरियों में 50 फीसद कोटे की गांरटी दी जाएगी। अखिल भारतीय महिला
कांग्रेस की प्रमुख सुष्मिता देव ने कहा कि कांग्रेस नीत गठबंधन महिला और युवाओं के
उत्थान पर अधिक ध्यान देगा। सुष्मिता देव ने कहा, ‘‘जब कांग्रेस नीत महागठबंधन की
सरकार बनेगी तो महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा। यह हमारी
गारंटी है। ये चीजें हम सबसे पहले करेंगे।’’ असम विधानसभा की 126 सीटों पर होने वाले
चुनाव के लिए कांग्रेस ने एआईयूडीएफ, बीपीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और
आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम) के साथ समझौता किया है। देव ने कहा कि कांग्रेस और
महागठबंधन जवाबदेही और नौकरी की गारंटी में यकीन रखता है। उन्होंने बीजेपी नीत
राज्य सरकार की सीधे लाभ स्थानांतरण से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर तंज करते
हुए कहा, असम की महिलाओं और युवाओं को खैरात नहीं चाहिए। वे नौकरी के मौके
चाहते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान देना चाहते हैं। देव ने कहा कि असम के
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए घोषणा पत्र में महिला आरक्षण मुद्दे को भी शामिल
किया जाएगा।
असम चुनाव में इसके पहले भी वोटरों से किया गया है वादा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने 2 मार्च को महागठबंधन की पांच गारंटी की घोषणा की थी।
इसके तहत 5 लाख सरकारी नौकरियों, प्रत्येक घरेलू महिला को प्रतिमाह 2,000 रुपये
भत्ता, सबको 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने के
लिए कानून और चाय बागान के दिहाड़ी मजदूरों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 365 रुपये देने
की घोषणा की गयी। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा
कि पार्टी की ‘असम बचाओ अहोक यात्रा’ ने राज्य में 10,000 किलोमीटर की दूरी तय की
है और इस अभियान में समाज के कमजोर तबके से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा,
‘‘लोगों से बात करने के दौरान पता चला कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। राज्य में काम
कर रहे युवाओं को पर्याप्त वेतन नहीं मिलना भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। कांग्रेस विधायक दल
के नेता देवव्रत सैकिया ने सभी बेरोजगार युवाओं को हाल में शुरू एक वेबसाइट पर
पंजीकरण कराने को कहा है। कांग्रेस प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष प्रद्युत
बारदोलोई ने दावा किया कि असम में 40,000 स्वास्थ्यकर्मियों, 38,000 स्कूल शिक्षकों,
12,000 कॉलेज शिक्षकों और 15,000 पुलिसकर्मियों की कमी है। असम के मतदाताओं में
महिलाओं की अच्छी खासी संख्या है। राज्य में 2.31 करोड़ मतदाताओं में 1.14 करोड़
महिला मतदाता हैं।कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि
महागठबंधन को सत्ता मिलने पर रोजगार सृजन के लिए एक अलग विभाग बनाया
जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार बनने पर पांच लाख सरकारी नौकरी देने की घोषणा
पहले ही कर चुके हैं। भाजपा ने पांच साल में 25 लाख नौकरियां देने का वादा किया था
लेकिन असल में पांच साल में केवल 80,000 युवाओं को ही रोजगार मिला।’
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