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बिहार से कंट्रोल हो रहा है यहां की अफीम का कारोबार
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जंगल उजाड़ कर वृहद पैमाने पर कर रहें अफीम की खेती
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स्थानीय लोगों को लालच देते हैं बाहर के अफीम के बड़े कारोबारी
अभिमन्यु कुमार सिंह
चौपारण: झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित चौपारण प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित चोरदाहा
पंचायत के ग्राम अहरी-नावाडीह में वन विभाग और चौपारण पुलिस की संयुक्त अभियान
चला कर शुक्रवार को पोस्तो की खेती को नष्ट किया।
वीडियो में देखें कैसे चला यह अभियान
थाना प्रभारी बिनोद तिर्की ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी पहाड़ की तराई में वृहद
पैमाने पर पोस्तो की खेती किया गया है। जिसमें आठ एकड़ से अधिक जंगली भूमि पर
लहलहाते पोस्तो के पौधों से अफीम तैयार किया जा रहा है। समाजसेवी एवं स्थानीय जन
प्रतिनिधियों के कहना है कि चौपारण वन क्षेत्र के जंगल को तस्करों द्वारा उजाड़ कर उस
भूमि में पोस्तो की खेती की जा रही है। थाना प्रभारी बिनोद तिर्की ने बताया कि सूचना के
आधार पर टीम गठित करते हुए वन कर्मियों एवं पुलिस बल की मदद से पोस्तो की खेती
को नष्ट किया गया। थाना प्रभारी तिर्की ने कहा कि अफीम, डोडा, शराब, स्प्रिट, लकड़ी,
पत्थर सहित अन्य अवैध कारोबार में संलिप्त तस्करों के खिलाफ रणनीति तैयार की जा
रही है, जिसमे अवैध कारोबारियों को छोड़ा नही जाएगा । सूत्रों के अनुसार चोरदाहा एवं
दैहर पंचायत के जंगलों को एकड़ के एकड़ दर्जनों जगहों पर जंगलों को उजाड़ दिया है और
उसमें अफीम, गांजा सहित अन्य मादक पदार्थ का उत्पादन किया जा रहा है। बिहार और
झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र पर चतरा चौपारण क्षेत्रों में अफीम की खेती जोरों पर बिहार से
व्यवसाई आकर हजारीबाग और चतरा जिला में कई जगह करवा रहे हैं अफीम की खेती
उच्च दामों में करते हैं सौदा।
झारखंड-बिहार की सीमा पर तस्करों की पकड़ना मुश्किल
दो राज्यों की सीमा काफी लंबी है। इसी वजह से झारखंड-बिहार की सीमा से लगने वाले
इलाकों में जहां जहां से अफीम की खेती की शिकायतें आ रही हैं, वहां असली गुनाहगार
कम पकड़ में आ रहे हैं। दरअसल गरीबी के बीच लालच में फंसे किसानों को जो गिरोह
फंसा रहे हैं, उसके लोग तो भनक मिलते ही किसी न किसी रास्ते से झारखंड-बिहार की
सीमा में किसी भी तरफ भाग निकलते हैं।
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