-
पहले ही जब्त की 239 करोड़ की संपत्ति
-
वर्ष 2019 में पड़ा था ईडी का छापा
-
उनकी कंपनी एलकेमिस्ट पर मामला
-
सेबी ने भी 2016 में आरोप लगाया था
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः ईडी ने आज व्यापारी से नेता बनकर कई चौखटों का चक्कर लगाने वाले केडी
सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चिट फंड घोटाले की
जांच के सिलसिले में यह कार्रवाई हुई है। उनके खिलाफ पहले से ही ईडी ने मामला दर्ज
कर रखा था। ईडी की यह कार्रवाई सेबी की शिकायत के आधार पर हुई थी। सेबी ने मार्च
2016 में केडी सिंह और उनकी कंपनियों पर गड़बड़ी के आरोप लगाये थे। श्री सिंह जब
राज्यसभा के सांसद थे, उसी वक्त ईडी ने सितंबर 2019 में उनके कार्यालय और घर पर
छापा मारा था। छापामारी दिल्ली के अलावा चंडीगढ़ में भी हुई थी। उस वक्त उनके यहां से
32 लाख रुपये पाया गया था। छापामारी के पहले ही ईडी द्वारा जनवरी 2019 में उनकी
कंपनी अलकेमिस्ट की 239 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गयी थी। जांच की गाड़ी आगे
बढ़ी तो यह पता चला था कि श्री सिंह की कंपनी एलकेमिस्ट इंफ्रा रियलटी लिमिटेड में
पैसे का यह फर्जी लेनदेन हुआ है। इसके लिए कागजी कंपनियों का सहारा लिया गया था।
जांच अधिकारियों ने पाया था कि यहां पूंजीनिवेश करने वालों के पैसों का वह इस्तेमाल
नही किया गया था, जिसके लिए पूंजी जुटायी गयी थी। एक बैंक से दूसरे बैंक तक पैसा
भेजने की जांच में यह भी पता चला था कि दरअसल अनेक कंपनियों का इस्तेमाल सिर्फ
पैसे के लेनदेन की कागजी औपचारिकता पूरी करने के लिए ही किया गया था। इसी पैसे से
केडी सिंह ने अपने दूसरे माध्यमों से देश के अन्य स्थानो पर संपत्ति खऱीदी थी। जांच में
पंजाब, हरियाणा, शिमला में संपत्ति खरीदे जाने की पुष्ट हुई थी। एचडीएफसी बैंक के
239. 39 करोड़ जब्त करने के साथ साथ इन संपत्तियों को भी जब्त कर लिया गया है।
ईडी ने सेबी की शिकायत पर जांच प्रारंभ की थी
आरोप यह भी है कि चिट फंड के अवैध कारोबार से भी केडी सिंह ने 1916 करोड़ रुपये
जुटाये थे। इसके बाद हजारों निवेशकों को धोखा दिया गया था। वैसे इस घटनाक्रम का
दूसरा पहलु यह भी है कि इन तमाम कार्रवाइयों के पहले वर्ष 2015 में अलकेमिस्ट से सेबी
को यह सूचित किया था कि उसने अपने निवेशकों के 1077 करोड़ रुपये लौटा दिये हैं।
लेकिन सेबी ने उनकी यह दलील नामंजूर करते हुए चार्जशीट फाइल किया था। वैसे केडी
सिंह से नारडा स्टिंग मामले में भी सीबीआई पहले ही पूछताछ कर चुकी है।
धूमकेतु की तरह राजनीति के आकाश में चमकने वाले केडी सिंह सबसे पहले झारखंड में
झारखंड मुक्ति मोर्चा के संपर्क में आये थे। लेकिन कुछ दिनों के भीतर ही झामुमो से उनके
रिश्ते बिगड़ गये थे। उसके बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उनके
तृणमूल में होने की अवधि में पंजाब और हरियाणा सहित राज्यों मे तृणमूल की
गतिविधियां भी बढ़ी थी।
Be First to Comment