औरंगाबादः कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने
आज बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण के 80 प्रतिशत मामले घातक प्रकृति के नहीं
होते और संक्रमित मरीज सामान्य उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं। डब्ल्यूएचओ के
सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. विनायक ने यहां समाहरणालय सभाकक्ष में औरंगाबाद
जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में कोरोना वायरस से संबंधित बीमारी की
रोकथाम के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति एवं टास्क फोर्स की हुई बैठक में बताया
कि कोरोना वायरस अन्य वायरस परिवारों जैसा ही एक वायरस परिवार है, जिसमें से कुछ
प्रकार के कोरोना वायरस अभी संक्रमण के कारक हैं। उन्होंने बताया कि यह एक टच बोर्ड
वायरस है यानी यह स्पर्श से फैलता है। वायु या पानी से इसका प्रसार नहीं होता है। डॉ.
विनायक ने बताया कि इस वायरस का प्रसार एक मीटर से अधिक दूरी पर नहीं होता है।
इसलिए, संक्रमित व्यक्ति से एक मीटर से अधिक फासले पर रहने से इसके संक्रमण का
खतरा नहीं रहता है। उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त जानकारियों के अनुसार, कोरोना
वायरस से संक्रमण के 80 प्रतिशत मामले घातक प्रकृति के नहीं होते हैं और रोगी सामान्य
उपचार के बाद बिल्कुल ठीक हो जाता है। केवल कुछ मामलों में रोगी को सांस लेने में
थोड़ी कठिनाई होती है लेकिन इलाज के बाद वह भी ठीक हो जाते हैं।
डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने बताया कि लोगों को साबुन और पानी से हाथ धोना है। छींकते
और खांसते समय नाक और मुंह को ढंकना है और ऐसे व्यक्तियों से कम से कम एक
मीटर की दूरी बनाए रखना है। उन्होंने बताया कि यदि संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन
में रखकर इलाज किया जाता है तो वह लगभग 15 दिनों में ठीक हो जाता है।
कोरोना संक्रमण 15 दिन के सही ईलाज से ठीक
डॉ. विनायक ने बताया कि औरंगाबाद सदर अस्पताल में आठ बेड का आइसोलेशन वार्ड
बनाया गया है। शीघ्र ही स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों पर भी ऐसे केंद्र स्थापित कर दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि जिले में 26 एम्बुलेंस कार्यरत हैं। चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को
प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ अधिकारी ने बताया कि इस बीमारी के संबंध में
बहुत घबराने की आवश्यकता नहीं है। जागरूकता एवं बचाव के कुछ उपायों द्वारा इससे
बचा जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित क्षेत्रों से यात्रा करके
आता है तो उससे संपर्क सीमित करना है। उस व्यक्ति में या उसके संपर्क में आने वाले
लोगों में यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसी कोई समस्या परिलक्षित होती
है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना है।
डॉ. विनायक ने बताया कि हालांकि बिहार में अभी तक किसी भी व्यक्ति में कारोना
वायरस से संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि इस वायरस से संक्रमण के
महज दो प्रतिशत मामलों में मरीज की स्थिति गंभीर होती है और उन्हें विशेष उपचार की
आवश्यकता पड़ती है। इस मौके पर औरंगाबाद के सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य
विभाग द्वारा जिला एवं प्रखंड स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं उपचार
के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग को कोरोना वायरस से संक्रमण की
रोकथाम के लिए सभी संस्थागत प्रबंध करने के साथ-साथ दवा एवं अन्य संसाधनों की
पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है।
हर स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने का निर्देश
नगर निकायों एवं एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) को भी अपने स्तर पर
जागरूकता एवं बचाव के कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया गया है। इसमें जनप्रतिनिधियों
का भी सहयोग लिया जाएगा। जिला स्तरीय समन्वय समिति के नेतृत्व में जिला, प्रखंड
एवं स्थानीय स्तर पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाने की कार्ययोजना बनाई गई है।
इसी क्रम मे जिलाधिकारी ने 13 मार्च 2020 को अपराहन 4:00 बजे सभी प्रखंड विकास
पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बाल विकास परियोजना
पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक जीविका की जागरूकता एवं
क्षमता वर्धन की कार्यशाला समाहरणालय में आयोजित किए जाने का निर्देश दिया।
[subscribe2]
[…] नेपाल सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये कई कदम उठाये […]
[…] श्री मोदी की पहल पर कोरोना वायरस से उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए […]
[…] दिल्ली : कोरोना वायरस का असर न सिर्फ देश बल्कि विदेशों की […]
[…] में सख्ती बरती है। कोरोना वायरस के संक्रमण को और फैलने से रोकने के […]
[…] करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से […]
[…] से तुरंत संपर्क कर अगली सुबह उसे एम्बुलेंस की मदद से कश्यप मेमोरियल […]